नवजोत सिंह सिद्धू के पेश किए गए सीएम पद के दावे और दो दिनों तक चले मंथन के बाद आखिरकार आज पंजाब को चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में नया मुख्यमंत्री मिलेगा. सिद्धू के कैप्टन को आउट करने के बाद कई अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं.
चन्नी के रूप में पंजाब को नया सीएम देने का आलाकमान का दांव एक तीर से कई निशाने का है, लेकिन ये सिद्धू के लिए भी कोई घाटे का सौदा नहीं है. आलाकमान चाहता है कि पंजाब में गुटबाजी खत्म हो और अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बड़ी जीत हासिल करे.
सिद्धू ने खुद को सीएम बनाने का दांव भी चला और फिर उसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा को सीएम बनाने के लिए खूब मेहनत की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो आखिकार सिद्धू की सिफारिश में जो नाम रहा वो चन्नी का ही था.
ज्यादातर इस समुदाय का वोटर ग्रामीण इलाके से जुड़ा हुआ है, ऐसे में नए सीएम के दलित होने से इसका फायदा कांग्रेस को होगा. पंजाब में माझा मालवा और दोआबा को लेकर पूरा जातीय समीकरण बंटा है.