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ओपीडी में आग लगी तो बाहर निकलने के इंतजाम नहीं, अग्निशमन यंत्र की नहीं होती जांच

वाराणसी:  बीएचयू अस्पताल में आग लगने की घटना से निपटने के इंतजाम नाकाफी हैं। अस्पताल में कई ऐसे विभाग हैं, जहां अगर आग लग गई तो लोगों को बाहर निकलने की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। वीएचयू में सुरक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन करने आई सीआईएसएफ टीम ने ये कमियां गिनाई हैं। टीम ने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का सुझाव दिया है। अब दौरे की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। इसके आधार पर नए सिरे से व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी।

बीएचयू अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी में हर दिन छह हजार से अधिक मरीज आते हैं। औसतन एक हजार से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं। पिछले दिनों देश के अन्य जगहों पर अस्पतालों में जिस तरह से शॉर्ट सर्किट सहित अन्य वजहों से आग लगने की घटनाएं हुई, उसे लेकर अब हर कोई सतर्कता बरत रहा है।

इधर बीएचयू में सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन करने पंद्रह दिन तक के विशेष दौरे पर आई सीआईएसफ की टीम ने विश्वविद्यालय के विभागों, संकायों, पुस्तकालय, हॉस्टल आदि के साथ ही अस्पताल का भी दौरा किया। खास बात यह है कि छह सदस्यीय टीम में दो अग्निशमन के विशेषज्ञ भी हैं। दौरे के दौरान विशेष तौर से इन दोनों अधिकारियों का फोकस आग लगने पर बचाव के उपायों पर भी रहा।

ओपीडी हॉल, वार्डों में लगे हैं अग्निशमन यंत्र को नहीं किया रिफिल
सीआईएसएफ टीम के सदस्यों ने दौरे के दौरान अस्पताल के वाडों, ओपीडी हॉल, वाल रोग विभाग, ईएनटी, आयुर्वेद ओपीडी वाली जगह सहित अन्य जगहों पर घूम-घूम कर मरीजों के बैठने, जांच, इलाज की व्यवस्था के साथ ही आग से चचाव के उपायों का भी मूल्यांकन किया।

सूत्रों के अनुसार ओपीडी हॉल के साथ ही वार्डों में भी कई जगहों पर अग्निशमन यंत्र भी लगे मिले हैं जिन्हें फरवरी में ही रिफिल किया जाना था। इसके साथ ही आग लगने पर बाहर निकलने की जगह भी कई जगहों पर मानक के हिसाब से कम होने की बात टीम के सदस्यों ने चीफ प्रॉक्टर से बातचीत में की है। इसके बाद नए सिरे से बचाव के उपाय करने की तैयारी चल रही है।

बाल रोग विभाग, सुश्रुत हॉस्टल में लगी थी आग
बीएचयू अस्पताल के बाल रोग विभाग में अक्तूबर 2023 और सुश्रुत हॉस्टल में फरवरी 2024 में आग लगी थी। वाल रोग विभाग के ऑक्सीजन पैनल में आग लगने से मरीज और उनके परिजन भागकर बाहर आ गए थे। उधर ट्रॉमा सेंटर परिसर स्थित सुश्रुत हॉस्टल में आग लगने से वहां रखा सामान जलकर राख हो गया था।