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रोजाना की ये गड़बड़ आदतें आपको बना सकती हैं ब्लड प्रेशर का मरीज, बरतें सावधानी

हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप को हृदय रोगों का प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर अक्सर बढ़ा हुआ रहता है उन्हें हार्ट अटैक जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का जोखिम भी अधिक होता है। यही कारण है कि सभी लोगों को रक्तचाप को नियंत्रित रखने वाले उपाय करने की सलाह दी जाती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हमारी रोजाना की आदतें और गड़बड़ जीवनशैली के कारण भी ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा हो सकता है। जिन लोगों की लाइफस्टाइल खराब होती है उन्हें अक्सर ब्लड प्रेशर बढ़े रहने या कम होने की समस्या हो सकती है। आइए ऐसी ही कुछ सामान्य आदतों पर नजर डालते हैं जो उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती हैं। सभी लोगों को इन आदतों को लेकर सावधानी बरतते रहना जरूरी है ताकि आप सेहत को ठीक रख सकें।

आहार में गड़बड़ी पर दें ध्यान

अस्वास्थ्यकर आहार जैसे सोडियम, संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर आहार का सेवन उच्च रक्तचाप के जोखिमों को बढ़ाने वाला माना जाता है। विशेषतौर पर जो लोग अधिक मात्रा में नमक वाली चीजें खाते हैं उन्हें इसका खतरा अधिक होता है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड और शर्करा युक्त पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन भी रक्तचाप बढ़ा सकता है। यही कारण है कि आहार को लेकर सावधानी बरतना रक्तचाप को कंट्रोल रखने के लिए जरूरी हो जाता है।

ज्यादा देर तक बैठना नुकसानदायक

शारीरिक गतिविधि में कमी, ज्यादा देर तक बैठने की आदत भी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इससे न सिर्फ ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है साथ ही गतिहीन जीवनशैली मोटापा को भी बढ़ा देती है। ये स्थितियां हृदय रोगों का प्रमुख कारण मानी जाती हैं। नियमित व्यायाम करने, पैदल चलने और स्वस्थ वजन बनाए रखने के उपाय करना आपकी सेहत को ठीक रखने के लिए जरूरी है। रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम से आप ब्लड प्रेशर को आसानी से कंट्रोल रख सकते हैं।

तनाव की समस्या पर दें ध्यान

दीर्घकालिक तनाव रक्तचाप के स्तर को बढ़ा सकती है। अध्ययनकर्ता बताते हैं तनावग्रस्त होने पर, शरीर कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन रिलीज करता है, जो अस्थायी रूप से रक्तचाप को बढ़ा देती हैं। जो लोग अधिक तनाव लेते हैं उनमें क्रोनिक ब्लड प्रेशर के साथ हृदय रोगों का भी खतरा अधिक हो सकता है। तनाव को नियंत्रित करके रक्तचाप को भी कंट्रोल किया जा सकता है, इसके लिए योग, ध्यान जैसे अभ्यास सहायक हैं।