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पीएम मोदी ने हीटवेव और चक्रवात को लेकर की चर्चा, इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली:मौसम विभाग ने इस साल भीषण गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी की है। मई के माह में तापमान 50 के पार जा चुका है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हीटवेव की स्थिति से निपटने की तैयारी और देश में शुरू हुए मानसून को लेकर बैठक रविवार दिल्ली में समीक्षा बैठक की। अधिकारियों ने मौसम विभाग की अनुमान से प्रधानमंत्री को अवगत करवाया। मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में हीटवेव बने रहने की संभावना है।प्रधानमंत्री ऑफिस ने बताया कि इस साल मानसून सामान्य या सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। हालांकि प्रायद्वीपों में सामान्य से कम रह सकता है।

राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में कुछ दिनों तक बनी रहेगी हीटवेव

अधिकारियों ने मौसम विभाग की अनुमान से प्रधानमंत्री को अवगत करवाया। मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में हीटवेव बने रहने की संभावना है।

प्रधानमंत्री ऑफिस ने बताया कि इस साल मानसून सामान्य या सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। हालांकि प्रायद्वीपों में सामान्य से कम रह सकता है।
प्रधानमंत्री ने आग की घटनाओं से निपटने के लिए रोकथाम और पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।

आग की घटनाओं से निपटने और उनकी रोकथाम के लिए तैयारी के निर्देश

प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश देते हुए कहा कि आग और बिजली से बचने के लिए अस्पतालों और सार्वजनिक जगहों पर लगातार जांच करें। प्रधानमंत्री के सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव सहित अन्य अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे।

इन विषयों पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी आज विभिन्न विषयों पर सात बैठक कर रहे हैं। चक्रवात के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए पहली बैठक की। इस दौरान विशेष रूप से पूर्वोत्तर के राज्यों की स्थिति पर चर्चा की। पीएमओ ने बताया कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को प्रभावित राज्यों पर चक्रवात के प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। मिजोरम, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ के कारण मानव जीवन के नुकसान और घरों और संपत्तियों को हुए नुकसान पर भी चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार चक्रवात से प्रभावित राज्य को पूरा सहयोग देना जारी रखेगी। प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करने और बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए नियमित रूप से मामले की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया।