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पाकिस्तान कोर्ट ने इमरान खान को किया बरी, 2022 में विरोध मार्च के दौरान दो मामले हुए थे दर्ज

पाकिस्तान की एक अदालत ने सोमवार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को बरी कर दिया है। इमरान खान और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ वर्ष 2022 में विरोध मार्च के दौरान तोड़फोड़ के मामले दर्ज किए गए थे।71 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक को अप्रैल 2022 में पद से हटाया गया था। पद से हटाए जाने के बाद से संस्थापक पर आरोप लगाए गए और 200 मामलों में से कुछ में दोषी पाए जाने के बाद वह पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद की जिला और सत्र अदालत ने ‘हकीकी आजादी’ मार्च के दौरान तोड़फोड़ के दो मामलों में इमरान खान, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पूर्व संचार मंत्री मुराद सईद और अन्य पीटीआई नेताओं को बरी कर दिया पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के 71 वर्षीय संस्थापक पिछले साल अगस्त से जेल में हैं। उन्हें अप्रैल 2022 में सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद उन पर लगाए गए, लगभग 200 मामलों में से कुछ में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में डाल दिया गया था।

मई 2022 में, पूर्व क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने लाहौर से इस्लामाबाद की तरफ जुलूस निकाला था, जिसका उद्देश्य शेहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार को गिराना था। यह सरकार तब सत्ता में आई थी, जब इमरान खान को अविश्वास मत के बाद प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। यह रैली “वास्तविक स्वतंत्रता” प्राप्त करने और राष्ट्र को “अमेरिका समर्थित” गठबंधन सरकार की “गुलामी” से मुक्त कराने के लिए पीटीआई के संघर्ष का हिस्सा थी। खान ने गठबंधन सरकार पर “अमेरिका समर्थित साजिश” के माध्यम से सत्ता में आने का आरोप लगाया था। उस समय इस्लामाबाद पुलिस ने संघीय राजधानी में आगजनी और तोड़फोड़ के आरोपों पर खान, कुरैशी और पार्टी के अन्य नेताओं सहित 150 लोगों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।

इस महीने की शुरुआत में, इस्लामाबाद के एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी खान को 2022 में उनकी पार्टी के दो लंबे मार्च के दौरान तोड़फोड़ के दो मामलों में बरी कर दिया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट शाइस्ता कुंडी ने इस्लामाबाद के लोही भैर और सहला पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों और अदालत में उनकी पेशी से संबंधित एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।