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मैनपुरी रिश्वत न देने पर लेखपाल द्वारा किसान को पीटने का मामला गर्माया।

पंकज शाक्य

किशनी/मैनपुरी-   ग्रामसभा फरैंजी के लेखपाल द्वारा पैमाइश के बदले चालीस हजार की रिश्वत मांगने तथा किसान द्वारा असमर्थता व्यक्त करने पर किसान की पिटाई करने का प्रकरण अब गर्माता जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन (किसान) ने उक्त प्रकरण को अब अपने हाथों में लेकर एसडीएम तथा प्रभारी निरीक्षक से कार्यवाही की मांग की है।
सोमवार को भा0कि0यू0 (किसान) के करीब दो दर्जन पदाधिकारी एसडीएम कार्यालय गये और एसडीएम अनूपकुमार को एक ज्ञापन सौंपते हुये कहा कि ग्रामसभा फरैंजी के लेखपाल ने उनके एक किसान प्रदीप कुमार जाटव पुत्र रामसनेही से पैमाइश के बदले चालीस हजार रूपये मांगे थे साथ ही किसान को कस्बा स्थित अपने आवास पर आने को कहा था। किसान प्रदीप ने बताया कि वह अपने साथ अपने छोटे भाई तथा उसकी पत्नी को भी लेकर गया था। लेखपाल ने किसान को कमरे के अन्दर बुलाया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुये कहा कि पैसे लाया है। किसान ने जब मना किया तो लेखपाल ने कहा कि तू सारे अधिकारियों से शिकायत कर रहा है। आज तेरी गुण्डई निकालूंगा। इसके बाद लेखपाल ने अपने अज्ञात साथी के साथ मिलकर प्रदीप के साथ जमकर मारपीट की और जातिसूचक गालियां दीं। प्रदीप की चीखपुकार सुनकर घर के बाहर खडे उसके भाई ने जब उसे बचाने का प्रयास किया तो उसके साथ भी धक्कामुक्की की। भा0कि0यू0 के जिलाध्यक्ष अनुरूद्ध दुबे ने मामले को गम्भीरता से लिया और दो दर्जन पदाधिकारियों के साथ नारेबाजी करते हुये तहसील पहुंचे। जिलाध्यक्ष ने एसडीएम अनूपकुमार से कहा कि उक्त लेखपाल के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत मुकद्दमा दर्ज किया जाय तथा उसे तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाय। यदि प्रशासन ने भृष्ट लेखपाल के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित न की तो वह किसान यूनियन का बिरोध झेलने को तैयार रहे। उन्होंने कहा कि अब बहुत हो चुका है। किसानों का शोषण अब वरदास्त नहीं किया जायेगा। यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शीलेष दुबे ने बताया कि दो अक्टूबर से संगठन किसान सम्मान यात्रा का आयोजन करने जा रहा है। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन ठाकुर सहित राष्ट्रीय व प्रदेश के समस्त पदाधिकारीगण सिरकत करेंगे। दो अक्टूबर को भले ही छुट्टी है पर उनका संगठन दो अक्टूबर को तहसील आकर एसडीएम को ज्ञापन देगा और इसके बाद मण्डलायुक्त से मुलाकात कर सारी बातें उनके समक्ष भी रखी जायेंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसील में भृष्टाचार चरम पर है। कोई भी कर्मचारी बिना सुबिधा शुल्क के किसानों का काम नहीं करता साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार भी करता है। इस अवसर पर मण्डल अध्यक्ष शिवाकान्त दुबे, जिला उपाध्यक्ष रनवीर यादव, अतुल पाठक, उमेश पाण्डेय, श्याम पाण्डेय, लल्लन दुबे, डा0 अभिषेक वर्मा, कानूनी सलाहकार एडवोकेट प्रदीप सक्सेना, बीटू यादव, रामपाल यादव, देवेन्द्र यादव, गौरव चौहान आदि मौजूद थे।

क्या कहते है उपजिलाधिकारी किशनी

जब इस संबंध में एसडीएम किशनी अनूप कुमार से बात की तो उन्होंने कहाकि किसान नेताओं ने उनसे लेखपाल के विरुद्ध शिकायत की है। लेखपाल पर लगाये गए आरोपों की जांच तहसीलदार को सौंपी गई है।जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का सच पता लगेगा।