Saturday , November 23 2024

देश में पिछले पांच वर्षों में सैंकड़ों बाघों की हुई मौत, सरकार ने संसद में पेश किए अहम आंकड़े

नई दिल्ली:  देश में बीते पांच वर्षों में 628 बाघों की मौत हुई है। इनमें प्राकृतिक कारणों के साथ ही शिकार के दौरान मारे गए बाघों की संख्या भी शामिल है। सरकार ने यह आंकड़े पेश किए हैं। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के डाटा के अनुसार, साल 2019 में देश में 96 बाघ मारे गए। साल 2020 में यह आंकड़ा 106, साल 2021 में 127, साल 2022 में 121 और साल 2023 में 178 बाघ मारे गए।

बीते पांच वर्षों में 349 लोग बाघ के हमलों में मारे गए
केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि बीते पांच वर्षों में 349 लोग बाघ के हमलों में मारे गए हैं। महाराष्ट्र राज्य में सबसे ज्यादा 200 लोग बाघ के हमलों में जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 और 2020 में 49-49 लोगों की मौत बाघ के हमलों में हुई। वहीं 2021 में 50, 2022 में 110 और 2023 में 82 लोगों की जान बाघ के हमलों में गई। उत्तर प्रदेश में 59 और मध्य प्रदेश में 27 लोगों की मौत बाघ के हमलों में हुई।

देश में अभी इतनी है बाघों की कुल संख्या
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में साल 2012 के बाद सबसे ज्यादा बाघों की मौत हुई। अभी देश में मौजूद बाघों की कुल संख्या 3,682 है, जो पूरी दुनिया में पाए जाने वाले बाघों की कुल जनसंख्या का 75 प्रतिशत है। सरकार के ये आंकड़े साल 2022 के हैं। भारत सरकार ने साल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी। इसी प्रोजेक्ट टाइगर के तहत देश में बाघों के संरक्षण की शुरुआत की गई। शुरुआत में 18,278 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले नौ टाइगर रिजर्व से प्रोजेक्ट टाइगर को शुरू किया गया था। आज देश में कुल 55 बाघ संरक्षण केंद्र हैं, जो कुल 78,735 वर्ग किलोमीटर का इलाका कवर करते हैं। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है।