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ब्लैक आउट में गुजारी रात, हिंसा और अस्थिरता के बीच ढाका से सुरक्षित लौटा मेरठ का परिवार

मेरठ: मेरठ शहर में सामाजिक संगठन बांग्लादेश में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के चलते भारतीयों को विशेष सुरक्षा देने की बात कर रहे हैं। इस बीच गुरुवार को एयर रूट ओपन होने के बाद बांग्लादेश में रह रहा परिवार मेरठ वापस लौटा।

कंकरखेड़ा निवासी अनुज जिंदल ने बताया कि 21 दिन से चल रहे विवाद में बांग्लादेशी लोगों की सीधी लड़ाई सत्ता के साथ है। इस बीच ब्लैक आउट में परिवार के साथ रात गुजारनी पड़ी, लेकिन ढाका में वह जिस क्षेत्र में रह रहे हैं वहां भारतीयों को स्थानीय लोगों ने परेशान नहीं किया।

कंकरखेड़ा निवासी अनुज जिंदल ने बताया कि वह ढाका में शांता होल्डिंग रियल एस्टेट डेवलपर्स कंपनी में कार्यरत हैं और वहां गुलशन-2 में रहते हैं। कुछ दिन पहले पत्नी ऋतु, बेटा आयुष और बेटी अविष्का जिंदल उनके पास रहने आ गईं थीं।उन्होंने बताया कि समस्या लगभग 21 दिन पहले शुरू हुई जब युवाओं ने शेख हसीना सरकार का विरोध शुरू कर दिया। इस बीच कुछ दिनों के लिए ब्लैक आउट कर सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया।

बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो
सर्किट हाउस में विश्व हिंदू परिषद की प्रेसवार्ता हुई। बांग्लादेश में हिंदुओं को सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई। विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री राजकुमार डूंगर ने कहा कि पड़ोसी बांग्लादेश हिंसा और अराजकता से ग्रसित है। निर्वाचित प्रधानमंत्री के त्यागपत्र देने और देश छोड़ने के बाद अराजक तत्व हावी हो गए हैं। कानून व्यवस्था निष्प्रभावी हो चुकी है।

अराजक स्थिति में वहां के कुछ लोग हिंदू समाज के लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं। राजकुमार डूंगर ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से हिंदू अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुंचाया गया है। पूरे बांग्लादेश में हर जिले में इस तरह के कृत्य होने की सूचना आ रही है। बलराज डूंगर ने कहा कि मंदिरों को भारी क्षति पहुंचाई गई है।