सुबोध पाठक
जसवन्तनगर। क्षेत्र के बलरई के पास बीहड़ी गाँव नगलातौर में जन्मे राकेश कुमार पाठक पढ़े लिखे और वेस्टर्न रेल्वे में टीटीई के पद पर नॉकरी को जॉइन करने के बाद वीते दिवस अपने गाँव व परिवार के अलावा जिले के नाम को रोशन किया,रेल मंत्रालय के दिशा निर्देश पर डीआरएम ने दिया अवार्ड।
विवरण के अनुसार राकेश कुमार पाठक गाड़ी सं. 02957 स्वर्ण जयंती राजधानी एक्सप्रेस एक्सप्रेस। एडीआई-एनडीएलएस से लगभग 21:55 बजे उन्हें वाणिज्यिक नियंत्रण-अजमेर से एक वरिष्ठ नागरिक को उपस्थित होने के लिए फोन आया, जिसे कुछ चिकित्सा आपात स्थिति है। यात्री कोच ए-3/1 में यात्रा कर रहा था। जब वह यात्री के पास गया, तो उसे पता चला कि वह शौचालय में गिर गई है और उसे डॉक्टर की जरूरत है। तब राकेश पाठक ने ट्रेन में सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से घटना के बारे में घोषणा की, ताकि यात्री जो डॉक्टर थे वे रोगी को देख सकें। लगभग 8-10 डॉक्टर आए जो ट्रेन में यात्रा कर रहे थे और मरीज को देखा और कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। वह बीपी और डायबिटीज की मरीज थी। जैसा कि डॉ. ने बताया था, उसे कुछ भोजन करने के बाद दवाएं दी गईं तो उन्हें स्वास्थ्य में लाभ मिला
पूरी घटना की जानकारी यात्री के परिजनों को दी गई और उन्हें चिंता न करने के लिए राजी किया। वाणिज्यिक नियंत्रण-अजमेर को भी यही दोहराया गया।
इस प्रकार राकेश कुमार पाठक ने रेल्वे की डयूटी के दौरान अपनी कर्तव्यनिष्ठा और कर्तव्यपरायणता से अनुकरणीय सेवा का परिचय दिया और जरूरतमंद यात्रियों की मदद की और भारतीय रेलवे की छवि को रोशन किया।अवार्ड मिलने की जानकारी उनके पैतृक गांव में रह रहे बड़े भाई डॉ मुकेश पाठक को हुई तो वह फूले नहीं समा रहे थे इस खुशी में उन्होंने मिठाई बांटी ओर अपने गाँव के साथ साथ जिले के नाम को रोशन करने पर खुशी जाहिर की।