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दुनियाभर में बदलाव के वाहक बन रहे युवा, विरोध से दिख रही लोकतंत्र की स्वीकार्यता में परिवर्तन की झलक

नई दिल्ली: मौजूदा समय में दुनिया में विरोध-प्रदर्शनों की लहर है। इनमें युवाओं का प्रभुत्व है और ये बदलाव के वाहक बन रहे हैं। इनमें शासन परिवर्तन से लेकर बढ़ी महंगाई तक शामिल है।

अंतरराष्ट्रीय मदद के लिए बनाई गई प्रतिष्ठित अमेरिकी एजेंसी, यूएसएआईडी (यूएस एजेंसी फार इंटरनेशनल डेवलपमेंट) इन विरोध प्रदर्शनों के मुद्दों व संरचना का परीक्षण किया जाए तो पता चलता है कि इनके पीछे कोई औपचारिक नेतृत्व नहीं है और ये काफी हद तक मुद्दों पर ही आधारित हैं। इस समय दुनिया के इतिहास में सबसे ज्यादा युवा आबादी है और यह मुद्दे भी खुद ही तय कर रहे हैं।

युवा पीढ़ी में लोकतंत्र को लेकर दिख रहा अलग-अलग मत
यूनिसेफ के विश्लेषण के अनुसार हाल के सालों में पाया गया है कि पुरानी और नई पीढ़ी में राजनीतिक सहभागिता के तौर पर लोकतंत्र को लेकर अलग अलग मत हैं।

युवाओं के बीच गहरा रहा है रोजगार का संकट
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन भी युवा आबादी के बीच बढ़ते विरोध प्रदर्शनों पर बढ़ती बेचैनी को ध्यान में रखते हुए कहा है कि युवाओं के बीच रोजगार का संकट गहरा रहा है जो केवल सुस्त आर्थिक विकास से जुड़ा हुआ नहीं है।