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मथुरा दरोगा ने तीन तलाक में 25 हजार लेकर मुजरिम पकड़े लाखों लेकर एक को छोड़ दिया

मथुरा से अजय ठाकुर

गोवर्धन । वर्षों पहले बॉलीवुड के द्वारा बनाई गई एक फ़िल्म का एक गाना मशहूर हुआ था ” ईशा पीर न मूशा पीर सबसे बड़ा है पैसा पीर ” नामक पंक्तियों को अक्षश: साबित करने में लगी हुई है गोवर्धन थाना पुलिस जिसका ज्वलंत उदाहरण एक बार पुनः सुनने व देखने को मिला जिसमें थाना गोवर्धन में एक तीन तलाक व अन्य आरोपों में पीड़ित व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी आरोपी पक्ष हरियाणा राज्य का है तो विवेचक ने पीडित / वादी से गिरफ्तारी के लिए जाने को तीन लग्जरी कारों के साथ पूरी मुखबिरी की जिम्मेदारी सौंप दी । मरता क्या न करता कि तर्ज पर पीड़ित व्यक्ति ने सब कुछ किया तो विवेचक ने रुपये की मांग कर डाली गई जिसको भी पूरा किया गया। दरोगा जी सन्तुष्ट होकर गए और आरोपी पति व जेठ को उठा कर गोवर्धन ले आये व आरोपी पति को समुचित धाराओं में चालान कर जेल भेज दिया व जेठ को पांच दिन की अवैध हिरासत में रखकर लाखों रुपए बसूल कर थाने से छोड़ दिया।
दिनांक 25 जुलाई 2021 को आशु निवासी गांव देवसेरस के द्वारा गोवर्धन थाने में दर्ज कराए मुकद्दमा अपराध संख्या 476 सन 2021 के अनुसार उसकी पुत्री की शादी मुस्लिम रीति रिवाजों से झिरका फिरोजपुर हरियाणा निवासी जफरू से हुई थी तभी से ससुरालियों द्वारा उसकी पुत्री को अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर प्रताणित करते चले आ रहे हैं व दिनांक 25 जुलाई को बुरी तरह मारपीट कर तीन तलाक देकर गांव के बम्बे के पास गाड़ी से फेंक कर भाग गए हैं।
एफआईआर दर्ज होने के उपरांत विवेचना हल्का इंचार्ज उप निरीक्षक अखिलेश वशिष्ठ के सुपर्द हुई एवं सूत्रों के अनुसार दरोगा अखिलेश ने दबिश देकर गिरफ्तारी करने के लिए वादी से लग्जरी कारों की मांग कर ते हुए 25 हजार रुपये भी सुविधा शुल्क लिया और आरोपी कब कहाँ मिलेंगे यह भी मुखबिरी करने की जिम्मेदारी भी वादी आशू को ही दी। मरता क्या न करता वाली तर्ज पर वादी ने सटीक जानकारी कर अखिलेश दरोगा को दी जिस पर दरोगा अखिलेश आरोपी पति व जेठ को झिरका फिरोजपुर से उनके घर से गिरफ्तार कर लिया व स्थानिय थाने में सूचना देकर गोवर्धन थाने ले आये एवं 14 सितम्बर को आरोपी पति को जेल भेज दी लेकिन जेठ को अवैध हिरासत में रखकर सौदेबाजी कर मोटी रकम लेकर थाने से छोड़ कर। तीन तलाक पर कार्यवाही करने के नाम पर खूब वाहवाही बटोरी।
देवसेरस गांव में हत्याकांड से लेकर तमाम मामलों में और कई थानों का एक गैंगस्टर इनका बहुत गहरा मित्र है और गांव मे ये उनके एक इशारे पर किसी को भी उठाकर थाने ले आ सकते हैं और खेल शुरू हो जाता है मित्रता निभाने का जिसमें दरोगा जी को तो मुंह मांगी कीमत मिल जाती है और दरोगा जी के मित्र का ख़ौफ़ गांव में कायम हो जाता है और जब कामयाबी का जश्न मनाया जाता है तो शायद यही गाना याद आता होगा कि तेरी मेरी यारी ये दोस्ती हमारी अल्लाह को है प्यारी जो शोहरत व दौलत दिलवाती।
” अंधेर नगरी चौपट राजा रिशबत खोर दरोगा रिशबत ले अपराधियों को भगाए जा ” की तर्ज पर उप निरीक्षक अखिलेश कुमार वशिष्ठ की ये इकलौती कहानी नही है अपितु कारनामों को जाने और लिखें तो समय कम पड़ सकता है लेकिन इनकी कहानी खत्म नही होंगी