मथुरा से अजय ठाकुर
मथुरा। एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टोरलेन्स पर कार्य करने को प्रतिबर्द्व हैं तो प्रसाशनिक पदों पर बैठे लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हैं।सरकार के द्वारा चलाई जा रही विकास परियोजना हों अथवा गरीबों को दी जाने बाली राशन आदि से लेकर आवास योजना सब की सब योजनाओं में भ्रष्टाचार की दीमक पूरी तरह जड़ें मजबूत की हुई हैं।
यूपी में जब योगी सरकार ने कार्यभार संभाला तो सरकार की स्पष्ट मंशा थी की गड्ढे मुक्त सड़कें होगी लेकिन भ्रष्टाचार के चलते इन जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों ने सरकार की मंशा के विपरीत गड्ढे युक्त सड़कें दी।
सरकार ने कोरोना जैसी महामारी में गरीबों को मुफ्त राशन वितरण प्रणाली लागू कर गरीब लोगों का सहारा बनना चाहा तो यहां भी इन प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगवान से काला बाजारी जोर शोर से की गई जो निरन्तर जारी है जिसके प्रत्यक्ष प्रमाण के लिए थाना गोवर्धन में 3/ 7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत है तो राया में भी अभियोग पंजीकृत है और जांच के नाम पर परिणाम सिफर है और मथुरा जनपद में राशन कालाबाजारी जोर शोर से धडल्ले से सुचारू है।
बात करें बाल पोषाहार की तो अकेले गोवर्धन क्षेत्र में वर्षो से जमी हुई आंगनबाड़ी अधिकारी बद से बदतर बाल पोषाहार लाभार्थियों को दिया जा रहा है तो आँगन बाड़ी कार्य कर्तियों से प्रति महीने रिशबत मांगती है और मांग पूरी न होने पर तंग व परेशान किया जाता है पीड़िताओं ने जिसकी लिखित शिकायत डीपीओ से लेकर आलाधिकारियों को की गई यहाँ भी परिणाम सिफर रहा और भ्रष्टाचार जारी है।
अगर बात करें प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर चलने वाली गरीबों को मिलने वाले आवासों की तो पात्र लोग चक्कर लगाते लगाते थक हार कर घर बैठे गये और भ्रष्टाचार की व्यवस्था से अपात्रों के मकान युद्ध स्तर पर बन गए और बन रहे हैं।
योगी सरकार ने बृज के महत्व को समझा और आने बाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए खजाने खोल दिए जिसमें मथुरा वृन्दावन विकास प्राथीकरण के ए ई राजीव माहेश्वरी ने अपनी देख रेख में लाखों रुपयों को खर्च कर सम्पूर्ण गिर्राज परिक्रमा मार्ग में लाईटें लगवाई लेकिन चंद दिनों में उक्त लाईटें शोपीस बन गई हैं लेकिन किसी को क्या लेना देना सिर्फ भ्रष्टाचार से धनोपार्जन करने से मतलब होता रहा है। वहीं गिर्राज परिक्रमा मार्ग में एमवीडीए द्वारा अन्य कई योजनाओं के तहत कार्य हो रहे हैं जिसमें भी कमीशन के लिए पहले निर्माण कार्य किया जाता है फिर तोड़ कर दोबारा दूसरा कार्य शुरू कर दिया जाता है जो बदस्तूर जारी है लेकिन यहां यह जानने की जरूरत कोई नही समझता है कि प्लान तैयार कर पहले कमियों को देखकर कार्य किया जाए तो सरकारी धन का दुरुपयोग रुक सकता है लेकिन ऐसा करने की जहमत कौन उठाये। मथुरा जनपद में स्थिति इतनी भयानक हो गई है कि निवास प्रमाण पत्र से लेकर किसी भी कार्य को कराने के लिए अगर सुविधा शुक्ल नही अदा किया जाता है तो कार्य नही होगा । यूपी के लगभग सभी विभागों में तैनात चाहे छोटा कर्मचारी हो अथवा बड़ा सब के सब मिले हुए हैं जो सरकार की व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को धूमिल करने के लिए विपक्षी दलों के एजेंट बन कर एक तरफ मलाई फाड़ रहें हैं तो दूसरी तरफ अन्य दलों के तलुवे चाट कर आगामी विधानसभा चुनाव के बाद अगर अन्य दल की सरकार बने तो उनको मलाई दार पद मिल जाये। ऐसा नहीं है की सरकारी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार सिर्फ यूपी में ही फैला रखा है यह भ्रष्टाचार रूपी बीमारी से पूरा देश ग्रसित है लेकिन सुबह जैसे सूर्य की पहली किरण निकलती है अंधेरा भागने लगता है वैसे ही पड़ोसी राज्य राजस्थान में जब से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दिनेश एम एन को एंटी करप्शन ब्यूरो के अपर पुलिस महानिदेशक का दायित्व सौंपा गया तब से लेकर अब तक सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त होने व रिशबत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वा कर जेल के सीखचों के पीछे भेज कर न सिर्फ मिशाल कायम की है अपितु भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे रिशबत खोर सरकारी कर्मचारियों के दिलोदिमाग में वो ख़ौफ़ कायम कर दिया है कि रिशबत लेने की बात तो दूर रिशबत मांगने से पूर्व भी हजार बार सोचने को मजबूर हैं राजस्थान राज्य के सरकारी कर्मचारी। शुरू से ही अपनी बेबाक कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले सीनियर आईपीएस अधिकारी दिनेश एम एन को बस सूचना मिल जाये कि कोई रिशबत खोर कर्मचारी रिशबत के लिए किसी को तंग व परेशान कर रहा है उसको जेल पहुँचा कर ही राहत की सांस लेते हैं दिनेश एम एन। भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने के लिए दिनेश एम एन ने बाकायदा एंटी करप्शन ब्यूरो का प्रचार प्रसार कर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हुए हैं जिससे जनता जागरूक हो सके लेकिन यूपी में एंटी करप्शन ब्यूरो इकाई तो है लेकिन कहाँ है कैसे शिकायत दर्ज होती है लोगों को जानकारी का अभाव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा के गोवर्धन थाने में तैनात दुर्दांत रिशबत खोर दरोगा सोनू भाटी की शिकायत मिलने पर राजेस्थान के डिग कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ट्रेप करके रिशबत लेने के मामले में मुकद्दमा संख्या 150 सन 2021 दर्ज कराया गया था लेकिन उससे भी मथुरा पुलिस ने सबक नही लिया और चंद महीने बाद मगोर्रा थाने में तैनात एक दरोगा राजस्थान के धौलपुर जिले में रिशबत लेने पहुँच गया और रिशबत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। अभी समय तो कम है लेकिन सरकार को गरीबों का हित साधना है और जो किया उसे जनता तक पहुचांना है तो उत्तर प्रदेश सरकार को दिनेश एम एन जैसे सीनियर आईपीएस, परमेश्वर यादव जैसे अधिकारियों की टीम उत्तर प्रदेश में लगानी होगी और उनको भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने की शक्ति देनी होगी तभी उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का दांनव नियंत्रण में आ सकता है।