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गांधी जी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती थीं ये पांच महिलाएं

महात्मा गांधी के जीवन और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण थी। गांधी जी का मानना था कि महिलाएं समाज का अहम हिस्सा हैं और उनका सहयोग भारत की आज़ादी में निर्णायक साबित हो सकता है। उन्होंने महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में भाग लेने और स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया।महिलाओं को आंदोलन में शामिल करके, गांधीजी ने एक नई सामाजिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया, जहां महिलाओं को भी पुरुषों के समान अधिकार मिले।

महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में कई महिलाएं कदम से कदम मिलाकर चलती थीं। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई महिलाओं ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में अद्वितीय योगदान दिया। इनमें से कुछ प्रमुख महिलाएं थीं-

कस्तूरबा गांधी

महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी, स्वतंत्रता संग्राम में गांधीजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलीं। उन्होंने न केवल गांधीजी के कार्यों का समर्थन किया, बल्कि खुद भी स्वतंत्रता आंदोलनों में सक्रिय रहीं। सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन में कस्तूरबा की भूमिका महत्वपूर्ण थी। अगर गांधी जी को बापू कहा जाता है तो कस्तूरबा गांधी भी देशवासियों के लिए बा थीं।गांधी जी की पत्नी के अलावा ये पांच महिलाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में बापू का साथ दिया और उनके आंदोलन को आगे बढ़ाने में सहयोग किया।

सरोजिनी नायडू

सरोजिनी नायडू, ‘भारत की कोकिला’ के नाम से जानी जाने वाली, स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख महिला नेता थीं। उन्होंने नमक सत्याग्रह और गांधीजी द्वारा शुरू किए गए विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। वे गांधीजी की करीबी सहयोगी थीं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।

कमला देवी चट्टोपाध्याय

कमला देवी चट्टोपाध्याय ने महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधीजी के नेतृत्व में, वे स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों में शामिल हुईं और खादी तथा स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाया।

अरुणा आसफ अली

अरुणा आसफ अली ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भारत के युवाओं को प्रेरित किया। उन्हें “भारत छोड़ो आंदोलन” में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए जाना जाता है। वे गांधीजी की नीतियों और विचारधारा की प्रबल समर्थक थीं।

मीरा बेन

मीरा बेन वह विदेशी महिला हैं, जो महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित थीं और अपने घर को छोड़कर भारत आ गईं थीं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के कई महत्वपूर्ण पहलुओं में गांधी जी के साथ काम किया, जैसे कि खादी सत्याग्रह और बारडोली सत्याग्रह।