मंगलवार को शरद पवार ने अपने एक बयान से ऐसे संकेत दिए हैं कि वह सक्रिय राजनीति से जल्द संन्यास ले सकते हैं। हालांकि भाजपा ने इसे शरद पवार की रणनीति करार दिया है और कहा है कि वे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के वक्त ऐसे बयान देकर इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। वहीं शिवसेना यूबीटी ने शरद पवार के इस बयान पर कहा है कि देश में कोई ऐसा नेता नहीं है, जिनके पास शरद पवार जितना संसदीय अनुभव हो, वे उनके लिए प्रेरणा रहेंगे।
शरद पवार के बयान पर भाजपा का तंज
भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय से जब शरद पवार के राजनीति से संन्यास संबंधी बयान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘लोकसभा चुनाव के समय भी उन्होंने ऐसा कहा था। वह इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। इस बार भी वे चुनाव के समय ऐसे बयान दे रहे हैं और बाद में वे फिर राजनीति में सक्रिय रहेंगे।’
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गौरतलब है कि शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने भी कुछ ऐसा ही कहा कि ये पहली बार नहीं हो रहा है, जब शरद पवार ने राजनीति से संन्यास की बात कही है। राउत ने कहा कि ‘यह पहली बार नहीं है कि पवार साहब ने कहा है कि वे राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं, लेकिन उनके समर्थक और जो लोग उन्हें प्यार करते हैं, वे उनसे संन्यास न लेने की अपील करते हैं। देश में कोई और राजनेता ऐसा नहीं है, जिसके पास 60 साल का संसदीय अनुभव हो। वह हमारे लिए प्रेरणा रहेंगे।’
शरद पवार ने सक्रिय राजनीति से संन्यास के दिए थे संकेत
गौरतलब है कि शरद पवार ने अपने बारामती दौरे के दौरान मंगलवार को अपने एक बयान में सक्रिय राजनीति से संन्यास के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा, ‘मैं सत्ता में नहीं हूं। मैं राज्यसभा में हूं। मेरे पास अभी भी डेढ़ साल का वक्त बाकी है। डेढ़ साल बाद मुझे सोचना होगा कि राज्यसभा जाऊं या नहीं। लोकसभा तो मैं नहीं लड़ूंगा। कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। कितने चुनाव लड़े जाएं? अब तक 14 चुनाव हो चुके हैं। आपने (जनता ने) एक बार भी घर नहीं बैठाया मुझे। हर बार मुझे निर्वाचित कर रहे हैं तो कहीं तो थमना ही चाहिए। मैंने इस सूत्र पर काम करना शुरू कर दिया है कि नई पीढ़ी को अब आगे आना चाहिए।’