जसवंतनगर: फुलरई गांव में बनाई गई गोशाला छलावा साबित हो रही है। किसानों को नुकसान से निजात और गाय-बैलों को पनाह व भरपेट चारा देने के लिए 15 दिन पहले गौशाला में रखे गये 23 गोवंश आश्रय स्थल में से एक गौवंश की भूख, धूप और बदइंतजामी के चलते मौत हो गई।
ग्राम प्रधान वीर सिंह ने बताया है कि कि गत 15 दिनों पूर्व इस गोशाला में 23 गौवंशो को अन्य किसी जगह से लाकर रखा गया था। आरोप है कि गौवंशो को लाने से पहले स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई इंतजाम नही किए थे। एक गोवंश ने भूख-प्यास और गंदगी से दम तोड़ दिया हैं। अफसरों की उपेक्षा बेजुबानों पर भारी पड़ रही है। कहीं समय से चारा नहीं मिल पा रहा है तो कहीं इलाज के अभाव में गोवंश तड़पते नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने पास से भूसे का इंतजाम किया है वह भी समाप्ति पर है। यहा का स्थानीय प्रशासन कागजी खानापूरी में जुटे है। अफसरों की खींचतान में बेजुबान मौत की भेंट चढ़ रहे हैं। लेकिन व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है।