नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके अलावा एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। मामला 2020 में हुए दिल्ली दंगों से जुड़ा है। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट से 25 नवंबर को उनकी याचिका पर सुनवाई करने को कहा।
पूर्व सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना को झटका
सुप्रीम कोर्ट ने प्रज्ज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिका खारिज की और कहा कि रेवन्ना बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति हैं। रेवन्ना के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है और शुरुआती शिकायत में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 नहीं थी। पीठ ने कहा कि वह रेवन्ना को जमानत देने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के 21 अक्तूबर के आदेश में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण एवं उत्पीड़न के चार मामलों की जांच कर रहे कर्नाटक के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अगस्त में 2,144 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था।
छात्र कार्यकर्ता की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के पीछे बड़ी साजिश के मामले में छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में चार साल और सात महीने से हिरासत में है। फातिमा सहित कई अन्य लोगों पर आतंकवाद रोधी कानून- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिन पर दंगों के मुख्य षड्यंत्रकारी होने का आरोप है। इन दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।
CJI संजीव खन्ना ने न्यायिक कार्यवाही शुरू की
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के पहले दिन सोमवार को न्यायिक कार्यवाही शुरू की और शुभकामनाएं देने के लिए वकीलों को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति खन्ना को 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर मौजूद थे। दोपहर बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार के साथ अदालत कक्ष संख्या एक में एकत्रित हुए वकीलों से प्रधान न्यायाधीश ने कहा, धन्यवाद।