नरेन्द्र वर्मा
फिरोजाबाद थाना बसई मोहम्मदपुर के गांव बिलहना निवासी एक महिला बुखार से पीड़ित पुत्र को लेकर 100 सैया अस्पताल पर भर्ती करने डॉक्टर से गुहार लगाती रही इसके बावजूद भी चिकित्सकों का दिल नहीं पसीजा वह घर ले जाने की सलाह देते रहे
थाना बसई मोहम्मदपुर के गांव बिलहना निवासी रामप्यारी का 8 वर्षीय पुत्र किशोर तेज बुखार से पीड़ित था वह उसे दवा दिलाने के लिए इमरजेंसी पहुंची इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने उसे बीमार पुत्र को 100सैया अस्पताल मैं बच्चों की लगी ओपीडी मैं भेज दिया रामप्यारी बुखार से पीड़ित पुत्र को लेकर 100 सैया अस्पताल की ओपीडी में पहुंची जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे ढंग से नहीं देखा और घर ले जाने की बात कहकर टहला दिया पीड़ित मां अपने पुत्र को भर्ती कर इलाज कराने की गुहार लगाती रही परंतु उसके पुत्र को किसी ने भर्ती नहीं किया अंततः मां रोती बिलखती अपने बच्चे को लेकर 100 सैया अस्पताल के बाहर निकल आए और ब्रांच पर उसको लिटा कर पानी की पट्टी लगाने लगी इसके बावजूद भी किसी स्वास्थ्य कर्मियों का दिल नहीं पसीजा अंततः पीड़ित मा अपने बच्चों को लेकर अन्यत्र चली गई गौरतलब है कि डेंगू और वायरल फीवर का असर बच्चों पर तेजी से बढ़ रहा है अस्पताल की इमरजेंसी के सारे पलंग रोगियों से भरे हुए हैं वही 100सैया अस्पताल में भी कोई बेड खाली नहीं है जिससे रोगी और उनके तीमारदार परेशान हैं चिकित्सकों के पास एक ही उत्तर है बेड खाली नहीं है बच्चे को घर ले जाओ