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‘डिस्कॉम व अदाणी समूह के बीच कोई सीधा समझौता नहीं’, YRSCP की अमेरिकी न्याय विभाग के आरोप पर सफाई

अमरावती:  एक बार फिर दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी चर्चाओं में आ गए हैं। उनपर अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद को फायदा पहुंचाने के लिए निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इन आरोपों में आंध्र प्रदेश की पिछली सरकार के साथ एक समझौते का भी जिक्र है। इस पर, युवाजन श्रमिक रायथू (वाईएसआर) कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया कि आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) और अदाणी समूह के बीच कोई सीधा समझौता नहीं था।

कांग्रेस पहले लगा चुकी है आरोप

इससे पहले, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत भारत सरकार की इकाई, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हमला किया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि एसईसीआई भ्रष्टाचार घोटाले में मुख्य खिलाड़ी है।

‘एसईसीआई भारत सरकार का एक उद्यम’

वाईएसआरसीपी ने गुरुवार को कहा, ‘यह बताना जरूरी है कि एसईसीआई भारत सरकार का एक उद्यम है। आंध्र प्रदेश की डिस्कॉम और अदाणी समूह से जुड़ी किसी भी अन्य संस्था के बीच कोई सीधा समझौता नहीं है। इसलिए, अभियोग के आलोक में राज्य सरकार पर लगाए गए आरोप गलत हैं।’

किस साल कितनी बिजली?

जब जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री थे, उस समय आंध्र प्रदेश सरकार ने एसईसीआई के साथ 25 साल की अवधि के लिए 2.49 रुपये प्रति किलोवाट (किलोवाट घंटे) पर 7,000 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए एक समझौता किया था। वाईएसआरसीपी ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश सरकार ने एसईसीआई से 25 सालों के लिए 2.49 रुपये प्रति किलोवाट घंटे की दर से 7,000 मेगावाट बिजली खरीदने की व्यवस्था की, जिसमें से 3,000 मेगावाट वित्त वर्ष 2024-25 में, 3,000 मेगावाट वित्त वर्ष 2025-26 में और 1,000 मेगावाट वित्त वर्ष 2026-27 में आईएसटीएस शुल्क की छूट के साथ शुरू होगा।’

इस कदम से राज्य को होगा काफी लाभ

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि इस समझौते के कारण आंध्र प्रदेश को कुल लाभ बहुत अधिक होगा, वाईएसआरसीपी ने कहा, ‘चूंकि इस परियोजना से आईएसटीएस (अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम) शुल्क का बोझ नहीं पड़ने और सस्ती दरों पर बिजली खरीदने की अनुमति देने के चलते परियोजना से राज्य को काफी लाभ होगा और प्रति वर्ष 3,700 करोड़ रुपये की बचत होगी।’

इस बीच, विपक्षी दलों ने रिश्वतखोरी के कथित आरोपों की जेपीसी जांच की मांग की और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार घोटाले में एक प्रमुख भूमिका भारत सरकार की कंपनी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) है।