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लखीमपुर खीरी से लाए गए आदमखोर बाघ को चिड़ियाघर में उम्रकैद

कानपुर: लखीमपुर खीरी से लाए गए आदमखोर बाघ को चिड़ियाघर में उम्रकैद की सजा मिली है। यह नर बाघ है। चिकित्सकों के मुताबिक दांत खराब होने से यह आदमखोर बन गया। लखीमपुर खीरी के महेशपुर रेंज के आसपास बाघ ने दो लोगों को मार दिया था। वन विभाग की टीम ने इसे 23 नवंबर को पकड़ा था। मंगलवार रात बाघ को चिड़ियाघर लाया गया। फिलहाल इसे अस्पताल में तन्हाई बैरक में रखा गया है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनुराग सिंह और डॉ. नितेश कटियार ने बुधवार को बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया।

डॉक्टर के मुताबिक यह नर बाघ है। पिछले बाएं पैर में एल्बो ज्वाइंट पर चोट लगी है। परीक्षण में पाया गया कि इसके दांत घिस गए हैं। इसकी उम्र 10 वर्ष के आसपास है। वृद्धावस्था के करीब होने के चलते कैनाइन दांत कमजोर लग रहे हैं। अनुमान है कि इसी वजह से यह जंगली जानवरों का शिकार आसानी से नहीं कर पा रहा होगा, जिसके चलते मनुष्यों पर हमले करने लगा।

आमतौर पर दांत खराब होने पर बाघ आदमखोर बन जाते हैं। ऐसी स्थिति में इसे जंगल में छोड़ना मुनासिब नहीं था। फिलहाल इसे 15 दिन क्वारंटीन में रखा जाएगा। शांत होने पर इसे बाड़े में भेज दिया जाएगा। स्वभाव उग्र रहने पर इसे अस्पताल में पिंजड़े में ही कैद रखा जाएगा।