सुबोध पाठक
जसवन्तनगर।सैफई उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के फार्मेसी कालेज द्वारा विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) रमाकान्त यादव ने किया। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष डा0 आलोक कुमार, संकायाध्यक्ष छात्र कल्याण प्रकोष्ठ डा0 आलोक दीक्षित, समग्र प्रभारी पैरामेडिकल डा0 पीके जैन, चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा, फार्मेसी कालेज की संकायाध्यक्ष प्रो0 कमला पाठक, फैकेल्टी मेम्बर डा0 योगेश चन्द्र यादव, डा0 प्रवीण कुमार, पुष्पेन्द्र कुमार, डा0 अंकुर वैद्य, मुदित कुमार, डा0 प्रबोध शुक्ला, डा0 पद्मिनि शुक्ला, सुशांत कुमार, आशीष शंकर मिश्रा आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर फार्मेसी कालेज द्वारा स्टूडेन्ट्स के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। जिसमें निबंध प्रतियोगिता, क्विज, रंगोली एवं पोस्टर प्रतियोगिता प्रमुख रहे। निबंध प्रतियोगिता में निवेदिता वर्मा प्रथम तथा रिषभ कसाना दूसरे स्थान पर रहे। वहीं क्विज प्रतियोगिता में भी निवेदिता वर्मा पहले स्थान पर तथा किरण भारती दूसरे स्थान पर रहीं।
विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) रमाकान्त यादव ने कहा कि फार्मासिस्ट मरीज के लिए दवायें देने के साथ पेसेन्ट के स्वस्थ होने में बेहद अहम् भूमिका निभाता है। विश्व फार्मासिस्ट दिवस की शुरूआत 2009 में इस्तांबुल में अन्तर्राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल फेडरेशन काउंसिल द्वारा की गयी। इसके अलावा 25 सितम्बर का दिन चुनने के पीछे की वजह यह थी की इसी दिन 1912 में इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन की स्थापना हुई। उन्होंन बताया कि स्वास्थ्य के लिए जितने जरूरी चिकित्सक हैं उतने ही फार्मासिस्ट है। आज भारत अमेरिका, रूस जर्मनी, इंग्लैंड तथा ब्राजील सहित लगभग 200 से अधिक देशों को कुछ प्रमुख दवाइयों का निर्यात कर रहा है जो फार्मेसी उद्योग के लिए अच्छा संकेत हैं।
फार्मेसी कालेज की संकायाध्यक्ष डा0 कमला पाठक ने बताया कि पेशेन्ट केयर में फार्मासिस्ट का रोल बेहद अहम् है। पिछले कुछ दशकों से फार्मेसी क्षेत्र के अर्न्तगत नये-नये क्षेत्र उभर कर सामने आये हैं। इनमें शोध, क्लीनिकल ट्रायल्स, नई औषधियों का विकास आदि प्रमुख हैं। इन सबको देखते हुए इस क्षेत्र में प्रबन्धन एवं वितरण के लिए विशेषज्ञ फार्मासिस्टों की मॉग बढी है।
समग्र प्रभारी पैरामेडिकल डा0 पीके जैन ने बताया कि फार्मेसी व्यवसाय दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के व्यापक अवसर भी सामने आ रहे हैं। आज अस्पतालों में फार्मासिस्ट का कामकाज बहुत व्यापक हो गया है इमसें औषधि प्रबन्धन के साथ उसका वितरण तथा रख-रखाव प्रमुख है।