संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका पर निशाना साधने के चक्कर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद ही अपने झूठ के जाल में फंस गए। संयुक्त राष्ट्र में झूठ बोलने को लेकर इमरान खान पर की जमकर बेइज्जती हो रही है।
इमरान ने शनिवार को एक रिकॉर्डेड मेसेज में कहा था कि अफगानिस्तान में ‘अवैध कब्जे’ के खिलाफ 1980 के दशक में चल रही लड़ाई में पाकिस्तान आगे था और अमेरिका के साथ मिलकर मुजाहिदीन समूहों को प्रशिक्षित कर रहा था।
यहां तक की PML-N उपाध्यक्ष मरयम नवाज ने भी कहा कि इमरान का भाषण लिखने वाले को नहीं, खुद इमरान को ‘नौकरी से निकाल देना चाहिए।’ रीगन ने अपने भाषण में मुजाहिदीन की तुलना अमेरिका के ‘फाउंडिंग फादर्स’ से की ही नहीं थी।
ये लगभग हर महाद्वीप पर हो रहा है जहां इंसान है, अफगानिस्तान के पहाड़ों में, अंगोला में, कांपूचिया में, मध्य अमेरिका में। आजादी के लड़ाकों का जिक्र करते हुए, हम सब आज सम्मानित हैं कि हमारे बीच अफगान फ्रीडम फाइटर्स को लीड करने वाले बहादुर कमांडर, अब्दुल हक मौजूद हैं। अब्दुल हक, हम आपके साथ हैं।’