अयोध्या: रामलला के मंदिर के उद्घाटन के एक साल अंग्रेजी तिथि के अनुसार 22 जनवरी को पूरे हो जाएंगे। यह तिथि भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो चुकी है। इसी दिन भव्य राम मंदिर में ऐतिहासिक समारोह के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। बुधवार को 22 जनवरी की तिथि है ऐसे में राम मंदिर निर्माण की यात्रा को जानना जरूरी हो उठता है। राम मंदिर निर्माण की सुखद यात्रा नौ नवंबर 2019 को आए फैसले के बाद शुरू हुई थी। पिछले चार सालों में राम मंदिर का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। आठ-दस महीने के भीतर राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
राम मंदिर के भूतल में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है जबकि प्रथम व दूसरे तल का निर्माण कार्य चल रहा है। राम मंदिर का शिखर भी आकार ले रहा है। मंदिर निर्माण पर अब तक 1200 करोड़ खर्च हो चुके हैं। नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के हक में फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। फरवरी 2020 में केंद्र सरकार के आदेश पर राम मंदिर ट्रस्ट का गठन हुआ। सबसे पहले रामलला को टेंट से अस्थायी मंदिर में 25 मार्च 2020 की रात सीएम योगी ने विराजित किया। पांच फरवरी 2020 को वह घड़ी भी आ गई जो सदियों से प्रतीक्षित थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण की आधारशिला रखी।
इन चार सालों में राममंदिर निर्माण में कई बाधाएं आईं। पहले टेस्ट पाइलिंग की गई, इसी पर मंदिर को आकार देने का निर्णय हुआ, लेकिन जब पाइलिंग पर भूकंप की तरह झटके दिए गए तो इसमें दरार आ गई। फिर निर्णय बदलते हुए 50 फीट गहराई तक खोदाई की गई। इस पर पत्थरों की चट्टान बिछाई गई। फिर फाउंडेशन का निर्माण कर मंदिर को आकार देने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बीच कोरोना ने दस्तक दे दी। कोरोना काल में छह माह तक राममंदिर निर्माण का काम प्रभावित रहा।
राम मंदिर के भूतल यानी गर्भगृह को आकार देने में तीन साल लग गए। 22 जनवरी 2024 को भव्य समारोह के बीच भूतल में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र बताते हैं कि राम मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के अनुसार ही चल रहा है। लगभग 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। इसी साल मंदिर समेत सभी प्रकल्पों का निर्माण पूरा हो जाएगा।