अहमदाबाद: 2002 के गुजरात दंगों में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाली जकिया जाफरी का 86 साल की उम्र में अहमदाबाद में निधन हो गया। जकिया जाफरी कांग्रेस के दिवंगत पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी है। एहसान जाफरी की 28 फरवरी 2002 को दंगों के दौरान अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद जकिया ने एसआईटी द्वारा गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को क्लीन चिट दिए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
क्या था जकिया जाफरी मामला
एहसान जाफरी गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार में मारे गए थे। शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका में 2017 के गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने मामले में एसआईटी द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने के मजिस्ट्रेट के फैसले को बरकरार रखा था। गुजरात दंगों के बाद जकिया जाफरी ने 2006 में गुजरात के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक के समक्ष एक शिकायत दर्ज की थी जिसमें हत्या(धारा-302) सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी। शिकायत मोदी सहित विभिन्न नौकरशाहों और राजनेताओं के खिलाफ की गई थी। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
जाफरी ने एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ के साथ दी थी चुनौती
वर्ष 2008 में शीर्ष अदालत ने एसआईटी का गठन कर दंगों के संबंध में कई ट्रायल पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था। बाद में एसआईटी को जाफरी द्वारा दायर शिकायत की जांच करने का भी आदेश दिया था। एसआईटी की रिपोर्ट ने मोदी को क्लीन चिट दे दी। वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को संबंधित मजिस्ट्रेट के सामने अपनी क्लोजर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया और याचिकाकर्ता को उक्त रिपोर्ट पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने की स्वतंत्रता दी गई।