लखनऊ: अयोध्या में योगी का विकास कार्य रंग लाया। पीएम मोदी के नेतृत्व में योगी आदित्यनाथ ने जिस रामनगरी को त्रेतायुगीन वैभव प्राप्त करने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया। उस अयोध्या ने योगी के आह्वान पर मिल्कीपुर में जयश्रीराम का उद्घोष कर कमल का फूल खिलाया। योगी के काम के बलबूते पूरे मिल्कीपुर से जयश्रीराम-जयश्रीराम की गूंज सुनाई दी, लिहाजा भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान यहां 61710 वोट से जीतने में सफल हुए।
महाकुम्भ, शासनिक दायित्व, उत्तर प्रदेश दिवस समेत अनेक व्यस्तताओं के बीच भी योगी आदित्यनाथ दो बार चंद्रभानु पासवान के लिए जनता से संवाद करने पहुंचे। वहीं अपने प्रत्याशी के लिए पहुंचे अखिलेश यादव के प्रयास व्यर्थ ही साबित हुए। अयोध्या पहुंचकर भी अखिलेश ने रामलला के दर्शन नहीं किए।
रंग लाई योगी की अपील- राष्ट्रवाद जीता, परिवारवाद हारा
अपने रैलियों में योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रवाद को जिताने और परिवारवाद को हराने की अपील की। योगी की इस अपील का मिल्कीपुरवासियों पर इतना असर हुआ कि यहां वोट देने में भी मतदाता प्रथम श्रेणी में पास हुए। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान को कुल 146397 वोट मिले, उन्हें 60.17 फीसदी वोट प्राप्त हुए। उन्हें ईवीएम से 146291 व पोस्टल से 106 वोट मिले। जबकि समाजवादी पार्टी के परिवारवाद को जनता ने खारिज कर दिया। सपा सांसद के बेटे व उपचुनाव से सपा प्रत्याशी 84655 वोट ही प्राप्त कर सके। पोस्टल बैलेट में भी वे दहाई के आंकड़े में ही रहे। उन्हें महज 32 वोट मिले। उन्हें कुल 64687 वोट ही मिले। कुल 34.81 फीसदी वोट पाने में सफल रहे।
योगी के सामने फीकी हुई अखिलेश-अवधेश की रंगत
पीएम मोदी के नेतृत्व में बतौर कार्यकर्ता योगी आदित्यनाथ ने पार्टी से मिले दायित्वों को खूब निभाया। महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली में भी उनकी रैलियां खूब सफल रहीं। हाल में संपन्न हुए यूपी के उपचुनावों में नौ में से सात सीटों पर योगी के विकास पर जनता ने मुहर लगाई। वहीं दसवीं सीट (मिल्कीपुर) पर हुए उपचुनाव में भी योगी की अपील ही जनता ने सुनी। योगी के सामने अखिलेश-अवधेश की रंगत फीकी हुई। 2012-2022 में मिल्कीपुर व 2024 में अयोध्या से सांसद बने अवधेश प्रसाद को जनता ने खारिज कर दिया। वे अपने बेटे को जिता न सके। योगी के सामने अखिलेश-अवधेश की जोड़ी को जनता ने नकार दिया।