भारत ने मंगलवार को ‘ऊर्जा परिवर्तन’ पर सूक्ष्म वैश्विक समझ की बात करते हुए कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ स्रोतों की ओर बदलाव का कदम तब ही उठाया जाना चाहिए, जब विकासशील देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सस्ती ऊर्जा उपलब्ध हो।
भारत ऊर्जा सप्ताह के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन के तहत किसी भी ईंधन का इस्तेमाल अचानक से पूरी तरह से बंद करना संभव नहीं है। इसे प्राथमिकता के आधार पर ही किया जा सकता है।
भारत जैसे विकासशील देश अपनी ऊर्जा की अधिकांश मांग कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन से पूरी करते हैं। दूसरी ओर, प्रदूषणकारी स्रोतों से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर जाने का आह्वान किया जा रहा है। भारत का मानना है कि यह कदम अचानक नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने साफ किया कि स्वच्छ स्रोतों की ओर बढ़ने की प्रक्रिया के दौरान तेल और गैस के साथ-साथ कोयला भी ऊर्जा की मांग को पूरा करना जारी रखेगा।