वाराणसी: काशी तमिल संगमम 3.0 के बिजनेस ग्रुप ने नौगढ़ पहाड़ी पर तमिलनाडु जैसे पवन ऊर्जा की यूनिट बनाने पर चर्चा की। वहीं, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बीच हथकरघा और वस्त्र उद्योगों को स्थापित करने की संभावनाओं को टटोला गया। बीएचयू में ओंकारनाथ ठाकुर प्रेक्षागृह में आयोजित संवाद के दौरान व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने तमिलनाडु में पार्टनरशिप बिजनेस की संभावनाएं तलाशने की घोषणा भी की।

बीएचयू के स्टार्टअप और पूर्वांचल के व्यापारिक संगठनों की बैठक हुई। संगमम के एकेडमिक कार्यक्रम के दौरान बीएचयू पहुंचे डेलीगेशन ने प्रोफेसरों और उद्यमियों से चर्चा की। प्रबंधन अध्ययन संस्थान की डॉ. दीपिका कौर ने कहा कि भारत में एमएसएमई क्षेत्र में 5.93 करोड़ पंजीकरण हुए हैं। इससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और यह देश के कुल निर्यात में 45 फीसदी का योगदान देता है।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव राजेश भाटिया ने कहा कि तमिलनाडु में उन्नत पवन ऊर्जा की तर्ज पर यूपी के पहाड़ी और नौगढ़ क्षेत्र इस तकनीक से काफी बिजली बनाई जा सकती है। उनका दल जल्द ही उद्योग व्यापार की संभावनाओं को तलाशने के लिए तमिलनाडु का दौरा करेगा।

काशी तमिलनाडु के चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरई, सेलम, कुम्भाकोणाम शहरों को काला पंखा बेचा जाता है। वहीं, कोयंबटूर से सबमर्सिबल और मोनो ब्लॉक पंप काशी में आता है। लघु उद्योग भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह, एसआईए के महासचिव नीरज पारीक, मनीष कटारिया, गौरव गुप्ता ने भी विचार रखे। प्रबंधन अध्ययन संस्थान के प्रो. सुभाष प्रताप सिंह ने बीएचयू में विकसित कई कंपनियां मंदिरों से निकले फूलों को री-साइकिल कर इको-फ्रेंडली उत्पाद बनाती है। आईआईटी-बीएचयू में 41 स्टार्टअप बन चुके हैं।

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