रामपुर:  समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के परिवार को बड़ी राहत मिली है। आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम खां की हरदोई जेल से रिहाई हो गई है। वह काफिले के साथ रामपुर के लिए रवाना हो गए हैं। कुछ ही घंटे में वह रामपुर पहुंच जाएंगे।

अब्दुल्ला आजम खां की 42 मामलों में जमानत होने के बाद सोमवार को कोर्ट से रिहाई के परवाने जारी हुए थे। रिहाई के परवाने मिलते ही हरदोई जेल प्रशासन ने मंगलवार को दोपहर में अब्दुल्ला को जेल से रिहा कर दिया। वह 17 माह तीन दिन जेल में रहे थे।

सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ओमेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अब्दुल्ला आजम की रिहाई हो चुकी है, कुछ देर में वह रामपुर पहुंच जाएंगे।

आजम परिवार को अब पांच तक मिली राहत
शत्रु संपत्ति की जमीन के रिकार्ड में हेराफेरी के मामले में सपा नेता आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बड़े बेटे अदीब आजम व उनकी बहन निकहत अखलाक सोमवार को कोर्ट में पेश हुईं। कोर्ट ने अब 5 मार्च तक के लिए अंतरिम जमानत स्वीकार कर ली है।

शत्रु संपत्ति के अभिलेखों में रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में 9 मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें शत्रु संपत्ति के अभिलेखों में हेराफेरी करने का आरोप है।

दरअसल, यह मामला मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी परिसर के अंतर्गत आने वाली भूमि का है, जो कि इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। इमामुद्दीन कुरैशी वर्ष 1947- 48 में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में सन 2006 में भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग के अंतर्गत दर्ज कर ली गई थी।

रिकॉर्ड की जांच करने पर यह मामला प्रकाश में आया कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में जालसाजी कर शत्रु संपत्ति को हेराफेरी करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कर दिया गया था तथा रिकॉर्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे।

By Editor