मुंबई:  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता छगन भुजबल ने मंगलवार को कहा कि धनंजय मुंडे ने नैतिक आधार पर महाराष्ट्र के मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। अभी यह साबित नहीं हुआ है कि वह सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में शामिल हैं। इस बीच मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में धनंजय मुंडे का इस्तीफा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने मांग की कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के लिए उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

इससे पहले मुंडे ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। कुछ दिन पहले ही उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को बीड के सरपंच की हत्या के मामले में मास्टरमाइंड बताया गया था। राकांपा विधायक मुंडे को मंत्रिमंडल से हटाने की विपक्ष की जोरदार मांग के बाद यह इस्तीफा सामने आया है।

इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार देर रात को उपमुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार, मुंडे सहित वरिष्ठ राकांपा नेताओं के साथ बैठक की। मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित भयावह तस्वीरें और अदालती आरोपपत्र के विवरण सामने आने के बाद विपक्ष ने मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी थी। इन तस्वीरों और अदालती आरोपपत्र में हत्या से पहले की गई क्रूरता का खुलासा हुआ है।

धनंजय मुंडे को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था: पंकजा
महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे ने मंगलवार को कहा कि उनके चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था और सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद पैदा हुई स्थिति से सम्मानजनक रास्ता निकालना चाहिए था। पंकजा ने कहा, ‘मैं इस्तीफे का स्वागत करती हूं। उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था, ऐसा करना बेहतर होता। उन्हें इस सारी पीड़ा से बाहर निकलने का सम्मानजनक तरीका मिल जाता।’

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