ब्रसेल्स : यूरोपीय संघ (ईयू) की प्रमुख ने मंगलवार को 800 अरब यूरो (841 अरब अमेरिकी डॉलर) की योजना का प्रस्ताव रखा। इस योजना का मकसद ईयू के सदस्य देशों की रक्षा प्रणाली को मजबूत करना है, ताकि अमेरिका की ओर से मदद पर संभावित रोक के असर को कम किया जा सके और रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन को सैन्य मदद जारी रखी जा सके।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि ‘रिआर्म यूरोप’पैकेज यूरोपी संघ के उन 27 नेताओं को दिया जाएगा, जो वॉशिंगटन से दूरी के एक सप्ताह बाद ब्रसेल्स में एक आपात बैठक में मिलेंगे। ट्रंप ने महाद्वीप और यूक्रेन की रक्षा के लिए उनके गठबंधन पर सवाल उठाया था। डेर लेयेन ने कहा, हमें उन खतरों की गंभीर प्रकृति का वर्णन करने की जरूरत नहीं है, जिनका हम सामना कर रहे हैं।

वित्तीय प्रतिबंधों में ढील देगा यूरोपी संघ
ईयू देशों ने पिछले कुछ दशकों में रक्षा पर खर्च कम किया है, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी परमाणु सुरक्षा पर निर्भर रहते हुए अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था पर फोकस किया। यह स्थिति अब उनके लिए रक्षा खर्च को तेजी से बढ़ाने में चुनौतियां पैदा कर रही है। डेर लेयेन ने कहा कि ईयू का पहला काम बजटीय खर्च पर लगाए वित्तीय प्रतिबंधों में ढील देना है, ताकि सदस्य देश अपने रक्षा खर्च को बिना किसी दंडात्मक नियमों को लागू किए काफी बढ़ा सकें।

रक्षा उपकरणों में सुधार की जरूरत: डेर लेयेन
उन्होंने कहा, अगर सदस्य देश अपने रक्षा खर्च को जीडीपी के औसतन 1.5 फीसदी तक बढ़ाते हैं, तो यह चार वर्षों में करीब 650 अरब यूरो (683 अरब अमेरिकी डॉलर) तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मिसाइल, तोपखानों, गोला-बारूद और ड्रोन विरोध प्रणाली व साइबर हमलों जैसे सैन्य उपकरणों में सुधार की जरूरत है। यह योजना ईयू के कई सदस्य देशों को अपने सैन्य खर्च को काफी बढ़ाने के लिए मजबूर करेंगी, जो अभी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दो फीसदी से कम है। नाटो महासचिव मार्क रुटे ने सदस्य देशों से कहा कि जितनी जल्दी हो सके, उन्हें तीन फीसदी पर पहुंचना चाहिए।

By Editor