मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को झटका देते हुए याचिका खारिज कर दी। सचिन वाजे ने दावा किया था कि उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया, ऐसे में तत्काल उन्हें रिहा किया जाए। हालांकि उच्च न्यालाय ने कहा कि सचिन वाजे ने जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी कार रखी और व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या की साजिश रची, तब वह अपनी आधिकारिक काम नहीं कर रहे थे। इसलिए उनकी गिरफ्तारी से पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है।
सचिन वाजे ने याचिका में अवैध रूप से हिरासत में रखने का दावा किया
जस्टिस एसवी कोतवाल और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। सचिन वाजे ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया क्योंकि उन्होंने जो भी किया, वह आधिकारिक क्षमता से किया और वे मामले की जांच कर रहे अधिकारयों में से एक थे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार करने से पहले राज्य सरकार से जरूरी मंजूरी ली जानी चाहिए थी, जो नहीं ली गई। सचिन वाजे ने खुद को तुरंत रिहा करने की मांग की। हालांकि, हाईकोर्ट की पीठ ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा, ‘किसी भी तरह से यह नहीं कहा जा सकता कि याचिकाकर्ता (वाजे) ने जब अंतिलिया के पास बम लगी कार को पार्क किया और मनसुख हिरेन की हत्या की साजिश रची, उस वक्त वह अपने आधिकारिक कर्तव्यों के तहत काम कर रहे थे।’ अदालत ने कहा कि वाजे को गिरफ्तार करने से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को राज्य सरकार से सहमति लेने की कोई जरूरत नहीं थी।
सचिन वाजे पर ये हैं आरोप
उल्लेखनीय है कि 25 फरवरी, 2021 को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी कार मिली थी। एसयूवी के मालिक और व्यवसायी मनसुख हिरेन 5 मार्च, 2021 को पड़ोसी ठाणे में एक खाड़ी में मृत पाए गए थे। वाजे को दोनों मामलों में उनकी कथित भूमिका के लिए मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वाजे ने हिरेन को विस्फोटकों से लदे वाहन को रखने की जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिए मनाने की कोशिश की थी, लेकिन जब उसने इनकार कर दिया, तो वाजे ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची।