लखनऊ: शासन की सख्ती के बाद अंसल बिल्डर पर शिकंजा कसता जा रहा है। 24 घंटे के भीतर अंसल पर सुशांत गोल्फ सिटी थाने में चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं। चारों केस लाखों रुपये की धोखाधड़ी के हैं। आरोपियों में अंसल के पूर्व चेयरमैन सुशील अंसल, वाइस चेयरमैन प्रणव अंसल और उनके कर्मचारी शामिल हैं। माना जा रहा है कि अभी और पीड़ित सामने आएंगे और मुकदमों की संख्या बढ़ेगी।

तेलीबाग निवासी सेवानिवृत्त कैप्टन कन्हैया लाल के मुताबिक उन्होंने वर्ष 2012 में अंसल से प्राॅपर्टी बुक कराई थी। इसके लिए उन्होंने मोटी रकम भी अदा की। सालों बीत जाने के बाद भी आरोपियों ने न तो प्लॉट दिया और न ही रकम वापस की। पीड़ित का कहना है कि बिल्डर ने धोखाधड़ी की है। लोगों के गाढ़ी कमाई को कहीं और इस्तेमाल कर चुका है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

सेक्टर एच अलीगंज निवासी पुष्पलता वाजपेयी ने भी बिल्डर पर एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि उन्होंने 13 लाख 21 हजार 750 रुपये देकर प्लॉट बुक कराया था। 14 साल बीतने के बाद भी उन्हें प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की गई। बिल्डर ने उक्त प्लॉट को डेवलप भी नहीं किया। पूछने पर आरोपी कोई जवाब नहीं देते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि साजिश के तहत फर्जीवाड़ा किया गया है। पीड़िता से आरोपियों ने प्लॉट का 50 प्रतिशत रकम एडवांस में ले ली थी। ओमेक्स सिटी निवासी कैलाश चंद्र का आरोप है कि कई साल पहले उन्होंने अंसल में कुछ प्लॉट बुक कराए थे।

बिल्डर ने कब्जा दिलाने का वादा किया था। सालों बीतने के बाद भी सभी प्लॉट आरोपियों के कब्जे में हैं। वह कई साल से अंसल के दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कब्जा नहीं दिया जा रहा है। पीड़ित ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से जानकारी ली तो पता चला कि जिन भूखंडों का सौदा हुआ था उसका लेआउट ही अभी तक अप्रूव नहीं हुआ है। आरोप है कि प्रणव अंसल, राजेश्वर राव, विकास सिंह, विनय तिवारी एवं उनके कार्यालय के अन्य अधिकारियों ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया। दबाव बनने पर छत से फेंकवा कर जान से मारने की धमकी दी। आरोपियों ने फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाने की बात भी कही। परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद केस दर्ज हुआ।

By Editor