शेयर बाजार में जारी उथल-पुथल के बीच देश के हाउसिंग सेक्टर में तेजी जारी है। नेशनल हाउसिंग बैंक के नए आंकड़े बताते हैं कि देश के शहरी और ग्रामीण दोनों ही इलाकों के हाउसिंग सेक्टर में अच्छी तेजी देखी जा रही है। सितंबर 2024 में खत्म हुई तिमाही में इसके पिछले वर्ष की तुलना में हाउसिंग सेक्टर में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि इसके पिछले वर्ष यही आंकड़ा 4.9 प्रतिशत था। सेक्टर में यह तेजी आगे भी बरकरार रहने का अनुमान है। हालांकि, इन आंकड़ों में योगदान करने वाला एक बड़ा फैक्टर पीएम आवास योजना का शामिल होना है जिसके कारण देश के गरीबों को भारी संख्या में आवास उपलब्ध हो पाए हैं।

केंद्र सरकार की संस्था नेशनल हाउसिंग बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मध्य वर्ग देश के हाउसिंग सेक्टर की रीढ़ बन गया है। देश में बिकने वाले कुल घरों में सबसे ज्यादा 44 प्रतिशत घर मध्य वर्ग के लोगों ने ही खरीदे हैं, जबकि इसके बाद सबसे कमजोर तबके ने घर बनाए हैं। ईडब्ल्यूएस या सबसे कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों ने देश में 39 प्रतिशत घरों की खरीद की है।

रिपोर्ट में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में ज्यादा घर बनने का आंकड़ा ज्यादा दर्ज किया गया है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने भारी संख्या में गरीब वर्ग के लोगों को आवास उपलब्ध कराए हैं। नेशनल हाउसिंग बैंक के आंकड़ों से यह परिणाम निकलता है कि सरकार ने कमजोर वर्गों को लगभग उतनी ही संख्या में आवास उपलब्ध कराया है जितने कि पूरे मध्य वर्ग ने खरीदारी की है। गरीब वर्ग को यह आवास प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराए गए हैं।

31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में पूरे साल में व्यक्तिगत स्तर पर लिए गए हाउसिंग लोन के मामले में दूसरी छमा्ही में भारी बढ़ोतरी देखी गई थी। पहली आधी छमाही में निजी स्तर पर हाउसिंग लोन के रूप में केवल 4.10 लाख रुपये बांटे गए थे, जबकि दूसरी छमाही में यही राशि बढ़कर 9.07 लाख रुपये हो गई थी। नेशनल हाउसिंग बैंक के आंकड़ों के अनुसार, देश के हाउसिंग सेक्टर में बेहतर वृद्धि देखी गई है।

By Editor