आगरा:  आगरा के लालऊ गांव की रहने वाली दसवीं की छात्रा संजलि को गांव के बाहर जिंदा जलाया गया था। घटना को सुनकर लोगों के दिल दहल गए थे। तब एक ही आवाज उठी थी कि हत्यारों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। आरोपियों की गिरफ्तारी से लेकर सजा दिलाना आसान नहीं था। पुलिस ने एक सप्ताह बाद हत्याकांड का खुलासा किया था। मृतका के ताऊ के लड़के योगेश ने खुदकुशी कर ली थी। उसके मोबाइल से पुलिस को हत्याकांड के सु्राग मिलने लगे। बाद में उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई। कोर्ट में आरोपियों की काॅल डिटेल, लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज अहम साक्ष्य साबित हुए। इससे वह सजा तक पहुंच गए।

18 दिसंबर 2018 को हुई संजलि की हत्या का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया था। संजलि की माैत के कुछ घंटे बाद ही आत्महत्या करने वाला योगेश मास्टरमाइंड निकला था। इकतरफा प्यार में नाकामी मिलने पर उसने हत्याकांड का तानाबाना बुना था। अपने रिश्तेदारों आकाश और विजय को 15-15 हजार रुपये का लालच देकर साजिश में शामिल किया था।

व्हाट्सएप पर लूजर लिखे जाने से बाैखला गया था योगेश
पुलिस ने 25 दिसंबरए 2018 को हत्याकांड का खुलासा किया था। आकाश और विजय को जेल भेजा था। खुलासे पर बताया था कि घटना से पहले योगेश ने संजलि को साइकिल खरीदकर दी थी। घर पर बोला था कि संजलि ने प्रतियोगिता में जीती है। उसने कंप्यूटर से प्रतियोगिता का प्रमाणपत्र भी तैयार किया था। उसके गलत इरादों का पता चलने पर संजलि ने उससे दूरी बना ली थी। बात करना बंद कर दिया था। व्हाट्सएप पर लिखकर दिया था कि तुम भाई कहलाने लायक नहीं हो। 23 नवंबर को संजलि के पिता पर हमला हुआ था। इस पर उसे लगा था कि योगेश ने कराया होगा। उसने व्हाट्सएप पर उसे लिख दिया कि यू आर लूजर। तभी उसने हत्या की सोची थी।

By Editor