केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए/डीआर में दो फीसदी की वृद्धि कर दी है। अब डीए/डीआर की दर 53 से 55 कर दी गई है। अब पूरी तरह से साफ कर दिया है कि कर्मचारियों को 18 माह के डीए/डीआर का बकाया नहीं मिलेगा। विभिन्न कर्मचारी संगठन लंबे समय से इस मांग को केंद्र सरकार के समक्ष उठा रहे थे। मौजूदा संसद सत्र में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि वर्ष 2020 में वैश्विक महामारी के विपरीत वित्तीय प्रभाव तथा सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी उपायों के वित्तपोषण का वित्त वर्ष 2020-21 के बाद राजकोषीय प्रभाव पड़ा था, इसलिए महंगाई भत्ता/महंगाई राहत का बकाया दिया जाना संभव नहीं है। इन भत्तों का ‘एरियर’ जारी नहीं किया जाएगा। कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने 18 माह का डीए/डीआर रोककर 34,402 करोड़ रुपये बचा लिए थे।
सांसद आनंद भदौरिया ने लोकसभा में तीन फरवरी को डीए/डीआर की बकाया राशि जारी करने को लेकर सवाल पूछा था। उन्होंने अपने सवाल में पूछा, क्या कोविड-19 के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत, 18 महीने के लिए रोक दी गई थी। उसे जारी नहीं किया गया। यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। सरकार द्वारा इसे जारी नहीं करने के क्या कारण हैं। क्या सरकार, अपने कर्मचारियों द्वारा व्यय किया जाना सुनिश्चत करने के लिए इसे जारी करेगी। क्या यह कदम देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायक होगा। यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस सवाल का जवाब देते हुए बताया, केन्द्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ता (डीए)/महंगाई राहत (डीआर) की दिनांक 01.01.2020, 01.07.2020 और 01.01.2021 से देय तीन किस्तों को फ्रीज करने का निर्णय कोविड-19 के दौरान लिया गया था। इसका कारण आर्थिक व्यवधान था। उसे ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया था। तब इसका मकसद, सरकारी वित्त पर दबाव को कम करना था।