दक्षिण-पूर्व एशिया में शुक्रवार को आए दो तेज भूकंप के झटकों से भारी तबाही हुई। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई इमारतें हिल गईं। इस दौरान एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत देखते ही देखते धराशायी हो गई। बैंकॉक में ऊंची-ऊंची छतों वाले पूलों से पानी बहकर सड़कों पर आ गया और कई इमारतों से मलबा गिरने लगा। इसके अलावा, शहर के साथ-साथ पड़ोसी म्यांमार में भी लोग दहशत में देखे गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर के भूकंप का केंद्र म्यांमार में 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई में था।
इमारत ढहने से कम से कम 2 लोगों की मौत
भूकंप के बाद ढही इमारत के मलबे में दो लोग मृत पाए गए हैं। कई अन्य लोग अभी भी दबे हुए हैं। एक बचावकर्मी सोंगवुत वांगपोन ने बताया कि मलबे के ऊंचे ढेर के पास सात अन्य लोग जीवित पाए गए हैं।
घरों और दफ्तरों से बाहर निकले लोग
म्यांमार में शुक्रवार को एक के बाद एक आए तीन झटकों से लोग दहशत में आ गए। ये झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। झटके थाईलैंड तक महसूस किए गए। पहला भूकंप सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7.2 मापी गई। इसके बाद दूसरा झटका दोपहर 12 बजकर दो मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7 मापी गई। फिर तीसरा झटका एक बजकर सात मिनट पर आया, जिसकी तीव्रता 4.9 मापी गई।
सोशल मीडिया पर मलबे में तब्दील होती दिखी इमारत
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भूकंप के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल होने लगे। इसमें निर्माणाधीन इमारत मलबे में तब्दील होती दिखाई गई। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। अब तक किसी के हताहत होने की तत्काल कोई सूचना नहीं है। इसके अलावा, दोपहर 1:30 बजे भूकंप आने पर इमारतों में अलार्म बजने लगे और घबराए हुए लोगों को घनी आबादी वाले मध्य बैंकॉक में ऊंची इमारतों और होटलों की सीढ़ियों से नीचे उतारा गया। वे भूकंप के बाद दोपहर की तपती गर्मी और आग उगलते सूरज के बीच सड़कों पर ही रहे।
भूकंप देश के लगभग सभी इलाके में महसूस किया गया
थाईलैंड के आपदा निवारण विभाग ने कहा कि भूकंप देश के लगभग सभी इलाके में महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार में था, जो मोनीवा शहर से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) पूर्व में था। राजधानी नेपीता में भूकंप से धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा। धार्मिक इमारतों के कुछ हिस्से जमीन पर गिर गए और कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए। म्यांमार से नुकसान की रिपोर्ट अब तक उपलब्ध नहीं हो सकी है, क्योंकि वहां गृहयुद्ध चल रहा है।