नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नागपुर दौरे पर जाने वाले है, जिसको लेकर शहर में तैयारी तेज हो चुकी है। संभावना है कि पीएम मोदी अपने नागपुर दौरे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करने वाले है। इस मुलाकात को लेकर आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि जब भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलते हैं, तो वे देश और आरएसएस के बेहतर कार्यों पर चर्चा करते हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 30 मार्च को महाराष्ट्र के नागपुर का दौरा करेंगे जहां वे आरएसएस के स्मृति मंदिर, दीक्षाभूमि, माधव नेत्रालय और सोलर इंडस्ट्रियल एक्सप्लोसिव्स का दौरा करने वाले है।
संगंठन के संदेश पर दिया जोर
सुनील अंबेकर ने कहा कि ये बात साफ है कि मोहन भागवत और पीएम मोदी देश के मुद्दों पर बात करते हैं और करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि संगठन का संदेश यह है कि हम खुद को बेहतर बनाते रहें और देश को बेहतर बनाने में अपने प्रयासों को लगाएं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे यह बात करते हैं कि संगठन के कार्यों को कैसे आगे बढ़ाया जाए और उसमें सुधार कैसे किया जाए।
सुनील आंबेकर ने नागपुर हिंसा की निंदा की
साथ ही सुनील आंबेकर ने नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा की भी निंदा की, जिसमें औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों से सहमत नहीं हूं जो देश में आए आक्रमणकारियों की प्रशंसा करते हैं। अंबेडकर ने हिंसा को देश के लिए खतरनाक बताया। साथ ही कहा कि हमें हिंसा को खारिज करना चाहिए, और अगर कोई जानबूझकर हिंसा करता है, तो कानून को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
औरंगजेब मुद्दे पर बोले आंबेकर
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग औरंगजेब जैसे आक्रमणकारियों की प्रशंसा करते हैं, लेकिन हम उन्हें नायक के रूप में नहीं देख सकते। आंबेडक ने कहा कि हमें ऐसे लोगों की प्रशंसा नहीं करनी चाहिए, जिन्होंने आकर हिंसा की और देश की पहचान को नुकसान पहुंचाया। इसके साथ ही अंबेडकर ने राम जन्मभूमि मुद्दे से तुलना करते हुए कहा कि इस तरह के विवाद इसलिए उठते हैं क्योंकि भारत की पहचान और गौरव से खेला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई आक्रमणकारियों की प्रशंसा करता है, तो लोग इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।