अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को जापान को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये को रोकने के लिए अनिवार्य साझेदार बताया। उन्होंने जापान में अमेरिकी सैन्य कमान को एक नए युद्ध लड़ने वाले मुख्यालय में बदलने की घोषणा की। बता दें कि, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, जो अपने पहले एशिया दौरे पर हैं, ने जापान के रक्षा मंत्री जेन नाकातानी से मुलाकात के दौरान कहा कि अमेरिका और जापान को अपनी सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘जापान हमारा अनिवार्य साझेदार है जो चीन की सैन्य आक्रामकता को रोकने में हमारी मदद करेगा।’
सैन्य साझेदारी को मजबूत करने पर जोर
इस बैठक के दौरान दोनों देशों ने मिलकर नए मिसाइल विकसित करने और उत्पादन करने पर सहमति जताई, ताकि हथियारों की कमी को पूरा किया जा सके। इसमें एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (एमआरएएएम) और एसएम-6 सरफेस-टू-एयर मिसाइल शामिल हैं। इसके अलावा, जापान में अमेरिकी युद्धपोतों और युद्धक विमानों की मरम्मत की प्रक्रिया को तेज करने पर भी चर्चा हुई, जिससे दोनों देशों की रक्षा उद्योग को मजबूती मिलेगी।
नए सैन्य मुख्यालय की स्थापना
इस दौरान पीट हेगसेथ ने घोषणा की कि अमेरिकी सैन्य कमान को एक नए युद्ध-लड़ाकू मुख्यालय में बदला जाएगा, जो जापान के नए ज्वाइंट ऑपरेशंस कमांड (जेजेओसी) के साथ मिलकर काम करेगा। इस बदलाव से किसी भी आपात स्थिति में दोनों देशों की सेनाओं की प्रतिक्रिया क्षमता और गति बढ़ेगी।
चीन और ताइवान पर सख्त संदेश
पीट हेगसेथ ने आगे कहा कि जापान को अपने दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों की सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए, जो पूर्वी चीन सागर और ताइवान के पास स्थित हैं। उन्होंने कहा कि अगर पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में कोई सैन्य संकट उत्पन्न हुआ तो जापान सबसे आगे रहेगा। गौरतलब है कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि अमेरिका 1979 के कानून के तहत ताइवान को रक्षा उपकरण और तकनीक मुहैया कराता है। अमेरिका के इस कदम पर चीन लगातार आपत्ति जताता रहा है।