आधार कार्ड के निर्माता और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी ने एक नई क्रांति की भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा कि यूपीआई की तरह ही देश में ऊर्जा क्षेत्र में नई क्रांति आने वाली है। आने वाले वक्त में देश में यूपीआई की तरह से बिजली को खरीदा और बेचा जा सकेगा।

एक कार्यक्रम में उद्यमियों को संबोधित करते हुए नीलेकणी ने कहा कि हम छोटी मात्रा में ऊर्जा खरीदने और उसे संग्रहित करने की आदी हो गए हैं। जब हम एलपीजी सिलिंडर खरीदते हैं तो हम पैकेटबंद ऊर्जा खरीदते हैं। लेकिन बिजली को लेकर हमारी सोच होती है कि यह हमेशा ग्रिड से आती है। अगर बिजली नहीं मिलती है तो हम जनरेटर खरीदते हैं।

उन्होंने कहा कि भविष्य में हर घर से बिजली बनेगी। क्योंकि हर घर पर सौर ऊर्जा होगी। हर घर ऊर्जा का भंडार होगा। क्योंकि इसमें ईवी बैटरी होगी। इसलिए हर घर ऊर्जा का उत्पादक, विक्रेता और क्रेता होगा। एक वक्त ऐसा होगा जब यूपीआई की तरह बिजली को खरीदा और बेचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा का उत्पादन और खपत बांटे जाने से लाखों छोटे ऊर्जा उद्यमी पैदा हो सकते हैं। यह नई आर्थिक उन्नति और विकास को बढ़ावा देगा।

यूपीआई क्या है
11 अप्रैल 2016 को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवा लॉन्च हुई। नोटबंदी का इसे सबसे ज्यादा फायदा हुआ। देश में डिजिटल इकोनॉमी में तेजी से इजाफा शुरू हुआ। अब देश में यूपीआई लाखों उपयोगकर्ताओं के भुगतान का पसंदीदा तरीका बन चुका है। जनवरी में कुल यूपीआई लेनदेन 16.99 अरब से अधिक हो गया। मौजूदा समय में यूपीआई सात देशों में उपलब्ध है। इसमें संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस शामिल हैं।

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