किसानों की सभी मांगें कुछ घंटे में गयी मानी,विपक्ष का दबाव या कुछ और, जाने किस तरह पल-पल सीन बदलता रहा
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में रविवार को हुए हिंसात्मक बवाल में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी के साथ ही सभी मांगें कुछ घंटे के अंदर ही मान ली गई।किसानों की ओर से राकेश टिकैत और सरकार की ओर से एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के बीच हुई बातचीत और समझौते के बाद अब सभी कुछ शांत होने की संभावना है।इतनी बड़ी हिंसात्मक घटना और आठ लोगों की मौत के बाद सिर्फ कुछ ही घंटे के अंदर हुए समझौते को सभी अपनी-अपनी नजर से देख रहे है।कोई कह रहा है विपक्ष का दबाव,तो कोई कह रहा है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति।विपक्ष के नेताओं का कहना है कि उनके दबाव के कारण सरकार ने किसानों की सभी मांगें फौरन मान ली। भाजपा नेताओं का कहना है कि सीएम योगी की रणनीति के आगे प्रियंका और अखिलेश की योजना फुस्स हो गयी।
*जाने क्या हुआ है समझौता*
सरकार और किसानों के बीच हुए समझौते के मुताबिक हिंसात्मक घटना में मारे गये चार किसानों के परिवार को सरकार 45-45 लाख का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए राजी हो गई और गंभीर रूप से घायल आठ किसानों को दस-दस लाख रूपये की आर्थिक मदद करेगी। हिंसात्मक घटना के कारणों की न्यायिक जांच होगी जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त अथवा मौजूदा न्यायाधीश करेंगे। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि आठ दिन के अंदर घटना में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा
किसानों के प्रदर्शन के दौरान जिस तरह हिंसा भड़की उसका व्यापक रूप लेने की संभावना थी।विपक्ष के नेताओं ने जिस तरह लखीमपुर खीरी जाने का ऐलान किया उससे यूपी सरकार एलर्ट हो गई।किसान नेता भी लखीमपुर खीरी के लिए कूच किए।सीएम योगी ने खुद अपने गृह जनपद का गोरखपुर दौरा बीच में रद कर दिया।राजधानी लखनऊ से एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को सीधे लखीमपुर खीरी भेजा।
लखीमपुर खीरी जाने का ऐलाना करने वाले भाकियू नेता राकेश टिकैत के अलावा किसी भी विपक्ष के नेता को वहां पर नही जाने दिया गया।किसी को लखनऊ में तो किसी को बीच रास्ते में रोक दिया गया।योगी सरकार को संभावना थी कि विपक्ष वहां पर पहुंचकर तनाव को और बढ़ा सकता है।टिकैत के लखीमपुर खीरी पहुंचते ही बातचीत शुरू कर दी गई और आखिरकार हिंसात्मक घटना के 20 घंटों के अंदर समझौता हो गया।
*आइए जाने कैसे सीन पल-पल बदलता रहा*
3 अक्टूबर।सुबह करीब 11 बजे किसानों ने तिकोनिया में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हेलीपैड पर कब्जा कर लिया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के विरोध के लिए काले झंडे लेकर डट गए।
शाम 3.45 बजे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की कार से दो किसानों की मौत के बाद बवाल की खबर आई। किसानों ने दो गाड़ियां फूंक दी।भारी पुलिस तिकोनिया के लिए रवाना की गई।
शाम 4.10 बजे जिले के आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के मौके पर मौजूद होने की सूचना आती है।
शाम 4.26 बजे सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि केंद्रीय मंत्री के बेटे की कार ने किसानों को कुचल दिया हैं।सपा अध्यक्ष ने कुछ देर बाद फिर ट्वीट किया। भाजपा पर हमला बोला।
शाम 4.30 बजे भारतीय किसान यूनियन ने आशीष पर कार से रौंद कर तीन किसानों को मारने का आरोप लगाया। राकेश टिकैत के गाजीपुर से लखीमपुर खीरी जाने की जानकारी दी गई।
शाम 6 बजे संयुक्त किसान मोर्चा एक प्रेस रिलीज जारी कर गृह राज्य मंत्री और समर्थकों पर तुरंत हत्या के मामले दर्ज करने और मंत्री को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की।
शाम 6.08 बजे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ट्वीट करती हैं कि भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे?’
रात 7.17 बजे बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट से घटना का स्वत: संज्ञान लेने की अपील करती हैं।
रात 7.25 बजे पंजाब से गुरनाम सिंह चढूनी, लक्खा सिधाना के चार दर्जन गाड़ियों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी आने की खबर आई।
रात 7.30 बजे किसान नेताओं ने ऐलान किया कि जब तक बीजेपी नेता का बेटा गिरफ्तार नहीं होगा, तब तक एक भी शहीद किसान की अंत्येष्टि नहीं होगी।
रात 8 बजे यूपी-उत्तराखंड के साथ ही पंजाब में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन शुरू होने लगे।
रात 8.30 बजे अजय मिश्र का बयान आता है। अजय मिश्र कहते हैं कि हिंसा में हमारे चार लोगों को पीट-पीट कर मार दिया गया, मारे जाने वालों में तीन भाजपा कार्यकर्ता, एक कार चालक है।
रात 8.40 बजे किसानों ने गदरपुर में नैनीताल-देहरादून हाइवे को ब्लॉक किया।
रात 8.50 बजे लखीमपुर खीरी में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं।
रात 9.30 पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने लखीमपुर जाने का ऐलान किया।
रात 10 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर बयान जारी किया।
रात 10.05 बजे प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ पहुंची।प्रियंका को जगह-जगह रोकने की कोशिश हुई।प्रियंका आधी रात के बाद सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया।
रात 10.10 बजे किसान संगठनों ने पूरे भारत में सोमवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक प्रदर्शन का ऐलान किया।
रात 10.15 बजे किसान नेता राकेश टिकैत का काफिला को रोकने का प्रयास हुआ।टिकैत का काफिला बरेली से पीलीभीत होते हुए लखीमपुर खीरी के लिए निकला।
4 अक्टूबर रात 12 बजे राकेश टिकैत पीलीभीत पहुंचे।सतीश मिश्रा नजरबंद किए गये।
रात 12.37 बजे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद खैराबाद टोल प्लाजा पर रोके गए।
सुबह 5 बजे सीतापुर में ही चेकिंग के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को रोका गया।
सुबह 5.45 बजे लखीमपुर खीरी पहुंचे राकेश टिकैत से बात करने डीएम अरविंद चौरसिया और एसपी विजय ढुल पहुंचे।
सुबह 6.20 बजे राकेश टिकैत ने किसानों के साथ चर्चा की और अपना मांग पत्र प्रशासन को सौंपा। अजय कुमार मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी मुख्य मांग थी।
सुबह 6.30 बजे लखनऊ में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के घर के बाहर पुलिस और पीएसी तैनात।
सुबह 7 बजे लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को नजरबंद किया गया। मकान के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात।
सुबह 7.15 बजे किसानों की मौत मामले में पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।
सुबह 7.18 बजे किसान और प्रशासन के बीच एक बार फिर बैठक शुरू, बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत समेत 12 लोग मौजूद, बैठक में लखीमपुर के डीएम और एसपी मौजूद रहे।
सुबह 7.57 बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आवास के बाहर प्रशासन ने ट्रक खड़ा करवाया। बैरिकेडिंग की जगह 16 पहिये का ट्रक मुख्य मार्ग पर तैनात किया गया।
सुबह 8.45 बजे रैपिड ऐक्शन फोर्स को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया।
सुबह 8.49 बजे बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री से सख्त कार्यवाही करने का निवेदन किया।
सुबह 9.06 बजे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बहन प्रियंका के समर्थन में ट्वीट किया।
सुबह 9.45 बजे दिल्ली-एनसीआर के कई बॉर्डर्स बंद किए गए।
सुबह 9.50 बजे लखनऊ में प्रदर्शनकारियों ने अखिलेश यादव के घर के बाहर पुलिस जीप में आग लगायी, सपा नेताओं पर लगा आरोप।
सुबह 9.55 बजे शिवपाल यादव के दीवार फांदकर भागने की खबर आई। हालांकि बाद में उन्हें पुलिस ने फिर गिरफ्तार किया।
सुबह 10 बजे आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के समर्थकों ने गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)के टोल प्लाजा के बैरियर को तोड़ा। चौधरी लखीमपुर खीरी के रास्ते पर थे।
सुबह 10.10 बजे पुलिस ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिरासत में लिया। रामगोपाल यादव और अन्य कार्यकर्ता भी हिरासत में।
सुबह 10.30 बजे लखीमपुर खीरी हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत की खबर आई।
सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बैठक बुलाई। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना समेत आला अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
दोपहर 12.40 बजे किसानों और प्रशासन में सहमति बनी।
दोपहर 12.50 बजे उत्तर प्रदेश सरकार और किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में समझौते का ऐलान।
दोपहर 1.30 बजे केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आरएएफ और एसएसबी की दो-दो कंपनियों की तैनाती 6 अक्टूबर तक रहेगी।
रिपोर्ट शिवम कुुमार अस्थाना
माधव सन्देश न्यूज चैनल रिपोर्ट