जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में गुरुवार सुबह आतंकियों ने ईदगाह इलाके में स्थित एक स्कूल में हमला कर दिया। इस हमले में स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर की मौत हो गई है। दोनों ही गैर मुस्लिम थे। दीपक हिंदू और सुखविंदर कौर सिख समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में इस बात को लेकर भी चिंता जताई जा रही है कि आखिर घाटी में गैर-मुस्लिम कितने सुरक्षित हैं। इससे पहले बुधवार की शाम को आतंकियों ने एक बाद एक तीन हमले किए थे, जिसमें केमिस्ट की दुकान चलाने वाले माखनलाल बिंद्रू समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। अब एक बार फिर से हमला होना बताता है कि आतंकी कितने बेखौफ हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी सरकारी स्कूल में हुए हमले में दो अध्यापकों के मारे जाने की पुष्टि की है। पुलिस ने कहा कि ये आतंकी अचानक ही स्कूल में घुस आए और अध्यापकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
इस हमले के बाद श्रीनगर में बड़ी संख्या में लोग आतंकी हमले के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं। मंगलवार को कश्मीरी पंडित माखनलाल बिंद्रू के कत्ल के बाद अब इस वारदात ने पूरी घाटी में सनसनी फैला दी है। 2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही आतंकी हमलों में कमी देखी गई थी, लेकिन हाल के दिनों में बढ़ी घटनाएं चिंताजनक हैं। आतंकियों के हमले में घायल दोनों अध्यापकों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। दोनों टीचर श्रीनगर के संगम सफाकदल इलाके में स्थित बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाते थे।
मुस्लिम अध्यापकों को किया अलग, फिर मार दी दोनों को गोली
आतंकी हमले का शिकार हुए अध्यापकों की पहचान सिखविंदर कौर और दीपक के तौर पर हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रिंसिपल के ऑफिस में टीचर्स की मीटिंग चल रही थी और उसी दौरान आतंकी कमरे में घुस आए। आतंकियों ने मुस्लिम अध्यापकों को अलग कर दिया और दो हिंदू टीचर्स को गोली मार दी। इनमें से एक प्रिंसिपल थे। दोनों को गोली मारने के बाद आतंकी मौके से भाग गए। इस हमले ने घाटी में गैर-मुस्लिमों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे हमले सुरक्षा बलों के लिए चिंता बढ़ाने वाले हैं। यही नहीं कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के लिए की जा रही कोशिशों में को भी ऐसी घटनाओं से झटका लगता है।