Thursday , November 28 2024

ओरैया मीडिया कर्मियों को जनप्रतिनिधियों जैसी आधुनिक शुविधाएँ मिलेंगी तभी देश का वास्तविक बिकास सम्भव होगा -: सतेन्द्र सेंगर “राष्ट्रीय अध्यक्ष” मीडिया अधिकार मंच भारत

-ए, के, सिंह, संवाददाता जनपद औरैया

औरैया,जैसा कि उ.प्र. में आगामी 2022 के बिधानसभा चुनावी चहल पहल सुरु हो चुकी हैं प्रत्येक राजनैतिक पार्टी वोटरों को लुभाने में जुटे हुए हैं, इसी क्रम में मीडिया अधिकार मंच भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सेंगर ने पत्रकारों के सुरक्षा अधिकारों के प्रति मोर्चा संभाल रखा है सतेन्द्र सेंगर ने समस्त पत्रकारों, मीडिया कर्मी सहित आम जनता से अपील करते हुये कहा हैकि लोक तंत्र का एक निःशुल्क समाज समाज सेवी जिसे हम अपना वोट देकर जनप्रतिनिधि बना देते जोकि वह जनप्रतिनिधि अपने निजी स्वार्थ के लिये संविधानिक व्यवस्थायें बनाते हुये आजीवन आधुनिक योजनाओं का लाभ उठा रहे है वहीं दूसरी ओर लोक तंत्र का चौथा स्तम्भ पत्रकार/मीडिया कर्मी जोकि आजाद भारत में देश की आजादी से लेकर आज तक निःशुल्क समाज सेवा करने के नाम पर गुलामी करते आ रहे है जिसका परिणाम यह हैकि आज निष्पक्षता से कार्य करने वाले पत्रकारों व मीडिया कर्मियों के बिरुद्ध फर्जी मुकदमे लिखकर उन्हें जेल भेजनें का कार्य किया जा रहा हैं तो कहीं पर यातनायें भरी उत्पीड़न दी जा रही है, कई पत्रकारों की हत्यायें तक की जा चुकी है, आज निर्भीकता पूर्वक, एवं निष्पक्षता की पत्रकारिता नहीं कर पा रहे हैं, जिससे प्रदेश व सम्पूर्ण देश में गरीबो के नाम पर दी जाने वाली योजनायें हो या प्रदेश या देश के बिकासकारी योजनायें सभी भ्रष्टाचार की गृफ्त में है, आज देखा भी जा रहा हैकि गरीबो के लिये बितरण की जाने वाली समाग्री चाहे वह बाढ़ पीड़ितों के लंच पैकेट हो या खाद्यान बिभाग से मिलने वाला राशन हो प्रत्येक समाग्री में राजनैतिक दल अपनी निजी प्रचार प्रसार कर रहे है वहीं पर हाल में उ.प्र. के कई जिलों कस्बों एवं ग्रामीण सेत्रों में देखा है कि पीड़ितों को दिये गये लंच में खाना की कीमती मात्र 10 से 15 रूपये का परन्तु लंच पैकिंट के डिब्बे की अनुमानित कीमती 20 रुपया होगी जिसे लोगों ने खाना खाने के बाद डिब्बा फेंक दिया गया तथा वही लंच पैकिट बितरण करने हेतु यदि कोई सत्ताधारी जनप्रतिनिधि पहुंचा तो उसके पीछे प्रशाशनिक प्रोटोकॉल लगाकर प्रशासनिक अधिकारी जोकि जनता की समस्याओं का निस्तारण का समय वह समय उन्हें जनप्रतिनिधि के प्रोटोकॉल में बेबजह खपाया जा रहा है, दूसरी ओर इन सभी बेबजह की फिजूल खर्ची में जनता के द्वारा कमाई गई खून पसीने की गाढ़ी कमाई बर्बाद किया जा रहा हैं, इन सभी समस्याओं से निस्तारण के लिये देश के समस्त पत्रकारों, मीडिया कर्मियों सहित देश की आम जनता को एकजुट होकर पत्रकारों की सुरक्षा अधिकारों के प्रति आवाज़ को बुलंद करना होगा, सतेन्द्र सेंगर ने स्पस्ट करते हुये कहा हैकि मुझे स्वयं या नेता मत नहीं बनना है,परन्तु आप सभी लोगों से यह निवेदन/अपील करता हूँकि अपनी आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिये हम सबको आवाज़ उठानी चाहिए आज हम आजाद भारत में “गुलामों जैसा जीवन जी रहे है” जिससे आज हम निपक्ष एवं निर्भीकता पूर्वक हम पत्रकारिता नहीं कर पा रहे हैं फलस्वरूप आज हम सब पत्रकारों, मीडिया कर्मियों को बिकाई मीडिया, गोदी मीडिया, तथा दलाल मीडिया के नाम से अपमानित किया जा रहा है, यदि हमें पत्रकारों, मीडिया कर्मियों को भी जनप्रतिनिधियों जैसी आधुनिक शुविधाएँ मिलेंगी “तभी हम/निर्भीकता व निष्पक्षता पूर्वक पत्रकारिता करेंगे तभी देश का वास्तविक बिकास सम्भव होगा” सतेन्द्र सेंगर ने समस्त पत्रकारों, मीडिया कर्मियों से अपील करते हुये कहा हैकि इस महा अभियान में मुझे अपना स्नेह आशीर्वाद एवं सहयोग देकर पत्रकारों के अधिकारों को दिलाये जाने के लिये सशक्ति बनाने का कष्ट करें जिससे पत्रकार समाज के साथ साथ सम्पूर्ण समाज एवं भारत देश को अखंड भारत तथा बिकसित देश के रूप से पहिचाना जा सके