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उ.प्र. के बिधानसभा चुनाव में राजनैतिक दल अपने चुनावी घोषणा पर में मीडिया कर्मियों की सुरक्षा अधिकारों को दिलाने की लिखित घोषणा करें -: सतेन्द्र सेंगर

 

ए के सिंह

👉🏻बिधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनैतिक दल लासों पर बैठकर अपनी अपनी राजनीति चमकाने का कार्य करने में गले है जबकि जिन्दा की कोई फिक्र नहीं है – सतेन्द्र सेंगर

👉🏻चुनावी माहौल सुरु हुआ वैसे ही राजनीति दलों को आई ब्राह्मण वोटों की सुध – सतेन्द्र सेंगर

👉🏻बहु चर्चित बिकरू हत्या कांड के आरोपी अमर दुबे तीन दिन पूर्व विवाहित विधवा को प्रशाशन द्वारा किया जा रहा प्रताड़ित किये जाने राजनैतिक दल खामोश क्यों – सतेन्द्र सेंगर

औरैया, जैसे जैसे चुनावी समय नजदीक आते जा रहे वैसे वैसे राजनैतिक दल वोटरों को लुभाने के लिये तरह तरह के मनमोहक प्रलोभन देने का कार्य करने के लिये तैयारियां बना ली है, वही दूसरी ओर मीडिया अधिकार मंच भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सेंगर ने राजनैतिक दलों को निशाना बनाते हुए कहा हैकि आगामी बिधानसभा चुनाव की तैयारियों के चलते सभी राजनैतिक दल जातिवादी धर्म सम्प्रदाय के नामों पर भी वोटरों को लुभाने में जुटे है, प्रदेश में बिधानसभा सभा चुनाव की नजदीकियो को देखते हुए प्रदेश भर में राजनीति दल लासों पर बैठकर अपनी अपनी राजनीति चमकाने का कार्य कर रहे है,सतेन्द्र सेंगर ने कहा है कि आज जैसे ही चुनावी माहौल सुरु हुआ वैसे ही राजनैतिक दलों को ब्राह्मण वोटों की याद आने लगी और जगह जगह प्रबुद्धजन सम्मेलनों के सिलसिले वाला आयोजनो का सुरुता हो गया है, वही पर दूसरी बहु चर्चित बिकरू हत्या कांड के आरोपी अमर दुबे की मात्र तीन दिन पूर्व विवाहित विधवा ख़ुशी दुबे जोकि एक ब्राह्मण पुत्री एवं अबला नारी होने के साथ साथ निर्दोष होने बाद भी प्रशाशन द्वारा जेल में बंदक बनाकर घोर प्रताड़ना किया जा रहा है, जोकि एक जिन्दा लाश की भांति हो चुकी है, प्रत्येक राजनैतिक दल को आज ब्राह्मण वोट दिख रहे है तो आखिर उस अबला ब्राह्मण पुत्री ख़ुशी दुबे के दर्द का अहसास क्यों नहीं है, राजनीति दलों ने खुशी दुबे के साथ हो रहे घोर उत्पीड़न का बिरोध क्यों नहीं किया जा रहा है,
सतेन्द्र सेंगर ने कहा हैकि उत्तर प्रदेश के आगामी 2022 के बिधानसभा चुनाव में प्रत्येक राजनैतिक दलों को मीडिया कर्मियों को जनप्रतिनिधियों जैसी सुविधायें संविधानिक तौर पर दिये जाने की चुनावी घोषणापत्र में लिखित घोषणा का उल्लेख करना चाहिये, ताकि मीडिया कर्मी आर्थिक एवं सुरक्षा दृस्टि से मजबूत हो जिससे मीडिया निष्पक्ष एवं निर्भीकता पूर्वक जन समस्याओं जनजन तक पहुंचाकर उन्हें न्याय दिलाने कार्य कर सके