कांग्रेस पार्टी के स्थाई अध्यक्ष पद को लेकर चल रही बहस पर फिलहाल सोनिया गांधी ने विराम लगा दिया है। शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने साफ किया कि वह ही कांग्रेस की स्थायी अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर विशेषतौर पर युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। लखीमपुर हिंसा पर उन्होंने कहा कि यह घटना भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में 52 वरिष्ठ नेता हिस्सा ले रहे हैं तो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह समेत पांच अन्य नेता बैठक का हिस्सा नहीं हैं।
पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी। यहां तक कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाए और पार्टी के संगठनात्मक चुनाव और आतंरिक मामलों पर चर्चा की जाए।