*रामनगर/बाराबंकी*
जनपद बाराबंकी की तहसील रामनगर के अंतर्गत सरयू नदी (घाघरा )में करीब 6 लाख क्यूसेक प्रलयंकारी पानी छोड़ा गया है जिससे रामनगर तहसील के आस पास के गांवों के ऊपर खतरा मंडराने लगा है।घाघरा नदी से जो सटे गांव तराई में आते है उनके लिए ज्यादा समस्या हो सकती है।ये वो गांव है जो घाघरा के बिल्कुल नजदीक है,तपेसिपाह, लहड़रा,दुर्गापुर,,नवपुरवा,कोरिनपुरवा, मढ़ना, लोहटी जई, मथुरा पुरवा, केशियापुर,बुधई पुरवा, ये नदी के किनारे बसे हुवे है इन गांवों को ज्यादा खतरा है।जनहित में जारी सरयू नदी घाघरा में बनबसा बैराज से करीब साढ़े 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है इसकी जानकारी अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने दी। उन्होंने कहा जिससे नदी के आसपास बसे गांव में पानी आने की प्रबल संभावना है।इसलिए प्रशासन ने अपील की है कि वृद्ध बच्चे बीमार जानवर आदि को लेकर नदी के तटीय क्षेत्र को छोड़कर ऊंचे स्थान पर रुके जैसे -बांध व सड़क पर आ जाएं। तहसील प्रशासन द्वारा हर संभव मदद किया जाएगा।यह उपजिलाधिकारी रामनगर राजीव कुमार शुक्ला एवं पुलिस उपाधीक्षक दिनेश कुमार दुबे ने कही।आपको बता दे इस समय प्रकृति की मार से किसानों की फसल नष्ट होने के कगार पर खड़ी है,एक तो बारिश से धान की फसल के सड़ने का दौर चालू हो चुका है।दूसरी तरफ 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से आम लोगो और किसानों में भय व्याप्त है।
किसान की फसल नष्ट हो जाने से किसान मुह के बल गिर गया है सिर पर हाथ रखकर किसान सरकार से नष्ट हुई फसल से बैंक से मुवायजा मिलने की आस लगा कर बैठ गया है।अब देखना यह होगा कि बैंककर्मी किसान क्रेडिट कार्ड से जो पैसा बीमा का पैसा काट लेते है।वह किसानों के खाते में पैसा डालते है कि नही।
*बाराबंकी ब्यूरोरिपोर्ट:कृष्ण कुमार शुक्ल*