Monday , October 21 2024

बारिश के कारण खाना नहीं बना ……..रात में पिता से हुई बात सुबह आई मनहूस खबर नैनीताल में भूस्खलन से बिहार के तीन लोगों की मौत

उत्तराखंड के नैनीताल मुक्तेश्वर में मंगलवार की अहले सुबह करीब 3.30 बजे भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ। इसमें साठी के बेलवा के दो व योगापट्टी के एक सहित तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं योगापट्टी थाने के मच्छरगांवा का एक मजदूर घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भूस्खलन में ढहने वाले मकान में सात लोग थे। घटना की सूचना मंगलवार सुबह नौ बजे मृतकों के परिजनों को मिली। सूचना मिलते ही परिवार में मातम फैल गया। साठी बेलवा गांव के दर्जनों लोग इसी माह छह अक्टूबर को उत्तराखंड के नैनीताल मुक्तेश्वर में मजदूरी करने गए थे।

मालूम हो कि उत्तरखंड के कुमाऊं में बारिश से भारी तबाई हुई है। आपदा में 38 लोगों की मौत हो गई है। नैनीताल जिले में ही 25 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 14 उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूर हैं। नौ की पहचान नहीं हो पाई है। अभी भी कई लोग लापता हैं। मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है।

परिजनों के अनुसार मृतकों में साठी के बेलवा के धुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा के पुत्र धीरज प्रसाद कुशवाहा (25), नूर आलम का पुत्र इम्तियाज आलम (19) व योगापट्टी थाने के मच्छरगावां के तूफानी मियां का पुत्र जुमराती मियां शामिल हैं। जुमराती मियां साठी के बेलवा स्थित अपनी ससुराल में ही रहता था। वहीं से वह नैनीताल मुक्तेश्वर मजदूरी करने के लिए गया था। वहीं शंभू राम का पुत्र कारी कुमार (19) हादसे में घायल हो गया।

उत्तराखंड में भूस्खलन में जाने गंवाने वाले धीरज प्रसाद कुशवाहा की सोमवार की रात करीब आठ बजे फोन पर अपने पिता से बात हुई थी। उसने तीन दिनों से भारी बारिश होने की बात बताई थी। उसने बताया था कि बारिश के कारण अब तक खाना नहीं बन सका है। परिजन सुबह उससे फिर बात करते, इससे पहले उसकी मौत की खबर आ गई। मृतक के परिजन ने बताया कि वह राजमिस्त्री का काम करता था। भूस्खलन से मकान धंसने से उन लोगों की मौत हो गई है। सभी मकान गिरने से दब गए थे। ग्रामीणों ने सरकार से मुआवजे व शव सही सलामत घर लाने की व्यवस्था करने की मांग की है। परिजनों को भी शव आने का इंतजार है।

इधर, सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि मरने वाले सभी गरीब परिवार के हैं। वे अपने खर्चे पर शव उत्तराखंड से नहीं ला सकते हैं। इसलिए सीएम सचिवालय व उत्तराखंड में उन्होंने बात की है ताकि सभी का शव साठी लाया जा सके। उन्होंने सरकार से उचित मुआवजा व आश्रितों को रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की है।