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उत्तर प्रदेश इटावा के जसवंतनगर क्षेत्र में एक साथ हुई 5 मौतों से मचा हाहाकार

 

जसवंतनगर/इटावा। बिचित्र बुखार ने क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया एक ही दिन में पाँच लोगों की मौत हो गई। परिजन मौत का कारण डेंगू बुखार बताते हुए स्वास्थ्य विभाग को कोस रहे हैं।

*पहली घटना* सराय भूपत कटेखेड़ा गांव की है जहां 7 वर्षीय बच्ची सुनैना पिछले दो दिन से बुखार से पीड़ित थी उसके पिता शिव कुमार उर्फ छोटे स्थानीय निजी चिकित्सकों से इलाज करा रहे थे। इलाज के बावजूद उसे कोई आराम नहीं मिला और बुखार के दौरान ही शरीर में बुरी तरह ऐंठन हुई जिसके बाद सुनैना की मौत हो गई। पिछले सप्ताह भी इस गांव की एक 6 वर्षीय बच्ची इसी विचित्र बुखार की वजह से मौत के मुंह में जा चुकी है इस कारण गांव के लोग भयभीत हैं।
*दूसरी घटना* में छिमारा रोड स्थित आरा मशीन व कोल्ड स्टोरेज के संचालक रामनरेश यादव उर्फ पप्पू के 13 वर्षीय पुत्र शिवम की विचित्र बुखार से जान चली गई। बीते दिवस उसे बुखार शुरू हुआ था इसलिए तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आई के शर्मा को दिखाने ले जाया गया था। बाद में सैफई पीजीआई के डॉ. आदेश कुमार से सलाह ली गयी तो उन्होंने जांचें और दवा बताई। जांच रिपोर्ट 24 घण्टे में मिलनी थी। हालांकि शाम को बुखार में राहत मिलने पर वह सो गया था सुबह उठने पर शौच को गया। इसके बाद तीव्र गर्मी और पसीने की शिकायत पर उसे उसके पापा रामनरेश इटावा लेकर दौड़े मगर रास्ते मे ही उसने दम तोड़ दिया। सेंट पीटर्स कॉलेज में पढ़ने वाले शिवम की मौत से नगर में लोग हतप्रभ हैं। कई अभिभावकों ने कॉलेज प्रधानाचार्य से फिलहाल हो रही परीक्षाओं को तत्काल स्थगित करने की अपील की है।
*तीसरी घटना* नगर से सटे रतनगढ़ गांव की है जहां एक 25 वर्षीय युवती की इस विचित्र बुखार ने जान ले ली। वह भी पिछले तीन दिन से बुखार से पीड़ित थी। श्वेता सिंह नाम की यह युवती अपनी पिता की मृत्यु के बाद मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत भूमि विकास बैंक में जॉब करती थी। उसकी मां और एक बहन का बोझ भी उसके कंधों पर था। तीन दिन से इटावा के निजी चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे किंतु उसे कोई लाभ नहीं मिला और सुबह 9 बजे करीब उसकी मौत हो गई। युवती की मौत को लेकर गांव भर में मातम छा गया है।
*चौथी घटना* आराजी सराय भूपत नगला बाबा गांव की है जहां एक 22 वर्षीय युवक की विचित्र बुखार से मौत हो गई। भूपेंद्र यादव के 22 पुत्र वर्षीय कौशल यादव को दो दिन से बुखार आया था परिजनों के अनुसार जांच कराने पर डेंगू निकला था और इलाज चल रहा था। अचानक रात्रि में तेज बुखार आने से परिवारी जन शहर के एक निजी हॉस्पिटल में लेकर पहुंचे वहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

*पांचवीं घटना*
विचित्र बुखार के कारण क्षेत्र के नगला सलहदी गांव के एक युवक की पांचवीं मौत हुई है।
बीहड़ी क्षेत्र के उक्त गांव निवासी राजेश पाराशर का 20 वर्षीय पुत्र सौरभ पिछले कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित था जिसका इलाज स्थानीय प्राइवेट चिकित्सकों से चल रहा था। जब हालत ज्यादा खराब हुई तो उसे आगरा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया वहां भी हालत गंभीर बनी हुई थी। देर शाम उसकी मौत की खबर आई जिससे पूरा गांव गमगीन हो गया है।

क्षेत्र में इस विचित्र बुखार से होने वाली मौतों का आंकड़ा दर्जनों में पहुंच गया है। स्थानीय डॉक्टर्स भी जांचों पर निर्भर हुए बैठे हैं। यकायक बुखार और उसके बाद हालत बिगड़ने पर लोग अपने मरीज को डॉक्टर्स के यहां लेकर पहुंचते हैं। पहले तो मरीजों की भीड़ के चलते घण्टों बाद नम्बर आता है फिर डॉक्टर पहले बुखार उतारने की दवा देते और टेस्ट की फहरिस्त थमा देते। बुखार दवा से नहीं जाता व टेस्ट की रिपोर्ट 24 और 36 घण्टों के बाद आती है तब तक मरीज मरणासन्न स्थिति में पहुंच जाते हैं।
ज्यादातर अन अथोरायज्ड पैथोलॉजी सेंटर्स कार्यरत होने की वजह से उनकी जांच रिपोर्टें अविश्वसनीय हैं। ऐसे सेंटर मरीजों को लूटने के साथ डॉक्टर्स की मिलीभगत के तहत डेंगू की रिपोर्ट के मनमाने रुपये वसूलने में जुटे हैं। प्लेटिलेट्स  काउंट भी भिन्न-भिन्न बता रहे हैं। मरीजों की जान जोखिम में और भी ज्यादा हो गयी है। प्रसाशन ने एक दो जगह छापे मारकर पिछले दिनों इतिश्री भले ही कर ली लेकिन अब भी मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है।
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुशील कुमार का कहना है कि क्षेत्र में हुई प्रत्येक मौत को डेंगू नही कहा जा सकता है। उनके यहां जो सेम्पल सैफई मेडिकल कालेज से डेंगू जांच में कन्फर्म हो कर आते हैं उन्हें डेंगू के तहत इलाज के लिए सैफई रेफर किया जाता है। बचाव के लिए पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग छिड़काव कराने में जुटा है।