जयोत्री अकादमी में महर्षि वाल्मिकी की जयंती मनाय गयी, जिसमें विद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने खेलकूद व निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिता में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
महर्षि वाल्मिकी के जयंती समारोह के अवसर पर विद्यालय के निदेशक नितिन पोरवाल न प्रधानाचार्य ने योगेद्र मिश्रा ने, माँ सरस्वती एवं महर्षि वाल्मिकी की प्रतिमा का माल्यार्पण कर, दीप प्रज्ज्वलित किया।
विद्यालय के छात्राओं ने माँ सरस्वती को याद करते हुए वन्दना गीत प्रस्तुत किये, तथा महर्षि वाल्मिकी के याद में प्रेरणादायी गीत गाये।
बच्चों को सम्बोधित करते हुये प्रधानाचार्य योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारे जीवन में महर्षि वाल्मिकी एक ऐसा महाकाव्य की रचना रामायण के रूप में छोड़ कर गये जो सच्चाई व धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा सदैव देती रहेगी।
विद्यालय के निदेशक नितिन पोरवाल ने महर्षि वाल्मिकी को याद करते हुये बच्चों को बताया कि पौराणिक कथाओं में महर्षि वाल्मिकी की ने माता सीता को अपने आश्रम में शरण देकर समाज को संदेश दिया कि, निराश्रित को शरण व भोजन सम्मान से देना चाहिए। साथ ही साथ महर्षि वाल्मिकी के कथाओं में महर्षि वाल्मिकी को महान तपस्वी, कवि वैदिक कालीन युग के प्रणेता बताया।
ऐसे महान कवि तथा भगवान राम के प्रति समर्पित महर्षि वाल्मिकी जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों के लिये खेलकूद, प्रतियोगिता, निबन्ध लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें कक्षा 6 से 10वी तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
विद्यालय के संस्थापक पूर्व नगर पालिका चेयरमैन ने मनोज पोरवाल ने सभी शिक्षकों को महर्षि वाल्मिकी के जीवन से सीखने की प्रेरणा दी। उन्होने महर्षि वाल्मिकी के जीवन में घटित अच्छाइयों का जिक्र करते हुये बताया कि कैसे एक व्यक्ति जीवन की समस्त बुराइयों का त्याग कर, महाकाव्य रामायण जैसी पुस्तक की रचना कर, इतिहास लिख दिया। अतः हम सभी को महर्षि वाल्मिकी के जीवन से सीखने की आवश्यकता है। इस मौके पर एचओडी शीला मिश्रा, अमित तिवारी, शोभित अग्रवाल, आशीष दीक्षित, अनुराग, भोला सिंह, आदि मौजूद रहे।