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आगरा की तरह घाटमपुर कोतवाली भी सुर्खियों में माल खाने से जेवर नगदी और नशीले पदार्थ में गायब

आगरा की तरह की घाटमपुर कोतवाली का मालखाना भी सुर्खियों में है। आगरा के मालखाने से 25 लाख चोरी हुए और घाटमपुर कोतवाली के मालखाने से लाखों के जेवर, नगदी व नशीला पदार्थ गायब हो गया। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि मुकदमे से संबंधित माल कहां है। कोर्ट ने जवाब मांगा तो अब सभी के पसीने छूट रहे हैं। जांच में पता चला कि 2003 में बरामद माल घाटमपुर कोतवाली के मालखाने में उपलब्ध नहीं है। कोर्ट ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए आईजी रेंज को कार्रवाई का आदेश दिया है।

वर्ष 2003 में घाटमपुर कोतवाली के तत्कालीन दरोगा तेजपाल ने 9 लोगों को नशीला पदार्थ, जेवरात व नगदी के साथ गिरफ्तार किया था। दरोगा ने मुकदमे में आरोप लगाया था कि आरोपी ट्रेनों में लूटपाट करने वाले गिरोह से ताल्लुक रखते हैं। इनके पास से सवा किलो चांदी, 15  ग्राम सोने के जेवर, 100-100 रुपये के 45 नोट व 66 ग्राम डायजापाम बरामद हुआ था। यह सभी आरोपी फर्रुखाबाद (फतेहगढ़) के मेरापुर थाने के बहनापुर गांव के निवासी हैं। पुलिस ने मुन्नालाल आदि के नाम से कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था। आरोपितों के पास से बरामद माल कोतवाली के मालखाने में जमा कराया गया था। इन दिनों सरकार बनाम मुन्नालाल के मुकदमे की सुनवाई कानपुर देहात के अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम के कोर्ट में चल रही है। इसमें पुलिस को माल पेश करने का आदेश दिया गया।

 

माती कोर्ट के एडीजीसी धनंजय पांडेय ने बताया कि साक्ष्य पर सुनवाई के दौरान थाने के पैरोकार ने बताया कि मुकदमे से संबंधित माल कोतवाली के मालखाने में उपलब्ध नहीं है। इस पर कोर्ट ने 20 अक्टूबर को आईजी कानपुर को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि तत्कालीन मालखाना इंचार्ज व घाटमपुर इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए ताकि इस वाद का जल्द निस्तारण किया जा सके। कोतवाली से नशीला पदार्थ गायब होने की घटना से हड़कंप मचा है। पता चला कि मुकदमा दर्ज कराने वाले तेजपाल सिंह सीओ पद से रिटायर हो चुके हैं। आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि इस संबंध में जानकारी नहीं है। पता लगाएंगे कि क्या मामला है।

खंगाले जा रहे मालखाने के रिकॉर्ड
नशीला पदार्थ गायब होने के मामले में कोतवाली में हड़कंप मचा है। मालखाना से से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। यह पता लगाया जा रहा है कि वर्ष 2003 में तत्कालीन मालखाना प्रभारी ने नशीला पदार्थ दाखिल किया था या नहीं। इसके बाद कितने मालखाना इंचार्ज बदले। माल गायब होने की कोई रिपोर्ट मालखान रजिस्टर में दर्ज की गई थी कि नहीं। हालांकि कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।