रामनगर/बाराबंकी
माधव संदेश खबर/बाराबंकी की तहसील रामनगर के अंतर्गत तराई के क्षेत्रों का खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी ने ग्राम ग्राम पंचायत सचिव प्रताप नारायण यादव और अपनी टीम के साथ बहरामघाट के तपेसिपाह ,लहड़रा,दुर्गापुर, कोरिनपुरवा, सिसौन्ड़ा गाँवो का निरीक्षण कर बनबसा बैराज से नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी की तबाही को देखा।
आपको बता दे प्रत्येक वर्ष इन तराई के गांवों का बुरा हाल होता है।अगर पानी सरयू नदी में छोड़ा गया तो सबसे पहले बांध से सटे इन गांवों में भर जाता है।भाजपा सरकार को उत्तरप्रदेश में पांच वर्ष होने को है लेकिन इन तराई के किसानों व वहां रह रहे लोगो का जीवन बद से बदतर है।तराई के लोगो ने सांसद विधायक से कई बार कहा नेता जी पुल बना दो रैंप बना दो लेकिन नेता चुनाव जीतने के बाद सत्ता के मद में चूर है।यहां के तराई के गांवों की समस्या बहुत बड़ी है अगर सरकार घाघरा से सटे गाँवो पर नजर डाले देखे क्या समस्या है,कहाँ से पानी इनके घरों में घुसता है इसकी पूरी जांच करके उपजिलाधिकारी, तहसीलदार लेखपाल, ग्राम प्रधान अगर सक्रिय होकर कार्य करे तो ये बाढ़ गांव में न आये।
रामनगर विकासखंड के वर्तमान अधिकारी अमित त्रिपाठी से तराई के लोगो को बड़ी आशा है की यह विकासखंड अधिकारी कुछ नया करेंगे,सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि ये खंड अधिकारी तेजतर्रार और कार्य करने वाले अधिकारी है।अब देखना यह होगा कि इन बहरामघाट के तराई के गांवों में विकास होता है कि नही क्योंकि जब बाढ़ आती है तो सभी अधिकारी चाहे उपजिलाधिकारी हो चाहे तहसीलदार हो ये जब बाढ़ आती है तभी इन तराई के गांवों का दौरा करते है।अगर बाढ़ आने से पहले अधिकारी विकास के हो रहे कार्यो को सक्रियता से देखे तो यह समस्या न हो इतना पैसा सरकार दे रही कि गांव स्वर्ग बन जाये।
*रिपोर्ट/कृष्ण कुमार शुक्ल/बाराबंकी*