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काशी में गंगा आरती पर घमासान पंडा समाज बोला इसे करने का केवल हमारा अधिकार

वाराणसी में गंगा आरती पर घमासान शुरू हो गया है। यहां सुबह-ए-बनारस संस्था की ओर से नए अस्सी घाट पर गंगा आरती की नई परंपरा शुरू की गई है। इसका विरोध तेज हो गया है। पंडा समाज ने आरती रोकने की घोषणा की है। उनका कहना है कि यह धर्मसंगत नहीं है। इससे बाजारवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्राचीन काल से वाराणसी में पंडा समाज के ही लोग घाटों पर गंगा आरती करा सकते हैं। जबकि सुबह-ए-बनारस संस्था की ओर से जो आरती शुरू की गई है, वह कुछ निजी लोगों द्वारा कराई जा रही है।

पंडा समाज के रुख को देखते हुए पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। इस वजह से शाम के समय अस्सी घाट पर पुलिस भी मौजूद रहा। गुरुवार की शाम भी कुछ देर के लिए धरना दिया गया था। संस्था द्वारा कराई जा रही आरती को रोकने का प्रयास किया गया था। धरने की सूचना पाकर मौके पर एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार और इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे ने पुलिस बल के साथ धरनारत लोगों को समझा कर विवाद समाप्त कराया था।

 

जब तक आरती बंद नहीं होगी रोज विरोध होगा

पंडा समाज ने शुक्रवार को भी हाथों में बैनर और तख्ती लेकर नारेबाजी करते हुए मंच पर बैठ कर विरोध शुरू कर दिया। धरने की सूचना पाकर मौके पर एसीपी भेलुपुर प्रवीण कुमार इंस्पेक्टर भेलुपुर रमाकान्त दुबे चौकी इंचार्ज अस्सी सहित भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने धरनारत लोगो को समझाने बुझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि घाट पूजा, संध्या पूजा, आरती कराने का कार्य हम पंडा समाज का है ना कि सामाजिक संस्थाओं का। अगर एसे ही चलता रहा तो हम अपना जीविकोपार्जन कैसे करेंगे। देर शाम बातचीत के बाद धरना खत्म हुआ और आरती शुरू हुई। साथ ही पंडा समाज ने कहा कि जब तक आरती बंद नही होगी हम लोग रोज धरना प्रदर्शन करेंगे।

RSS की इकाई गंगा समग्र के संयोजक चंद्रशेखर मिश्र ने कहा कि सुबह-ए-बनारस द्वारा नित्य होने वाली मां गंगा आरती का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। पूजापाठ और आरती कराने का काम हमारा है, ना कि निजी सामाजिक संस्थाओं का है। संस्था को सुबह के समय ही आरती कराने की अनुमति दी गई है। लेकिन, जिस तरह धर्म के क्षेत्र में वह अनैतिक घुसपैठ कर रहे हैं उसे देखते हुए तो अब सुबह की भी आरती बंद करानी पड़ेगी। हालत यह है कि इस आरती में बैंकों के पोस्टर व बैनर भी लगाए जा रहे हैं। यहां जुटने वाले पर्यटकों की भीड़ का फायदा और दान-चढ़ावा आदि के लालच में यह आरती शुरू की गई है।

वहीं, सुबह-ए-बनारस संस्था के प्रमुख रत्नेश वर्मा ने पंडा समाज के विरोध को लेकर कहा कि आश्रय सेवा संस्था के द्वारा आरती कराई जा रही है। यह आरती पंडा समाज के ही लोग कर रहे हैं। उन्हें केवल धन से इस काम में हमारी ओर से मदद की जा रही है। आरती बाकायदा प्रशासन से अनुमति लेकर कराई जा रही है। बातचीत कर मसले को सुलझा लिया जाएगा।